तबला वादक जाकिर हुसैन को सैन फ्रांसिस्को में किया गया सुपुर्द-ए-खाक

punjabkesari.in Friday, Dec 20, 2024 - 10:43 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क। महान तबला वादक जाकिर हुसैन का 15 दिसंबर को अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में निधन हो गया था। वे 73 साल के थे और फेफड़ों की बीमारी इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस से पीड़ित थे। वहीं आज जाकिर हुसैन को सैन फ्रांसिस्को में सुपुर्द-ए-खाक किया गया।

बीमारी और इलाज की जानकारी

: जाकिर हुसैन पिछले दो हफ्तों से सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में भर्ती थे।
: उनकी बीमारी फेफड़ों से जुड़ी गंभीर समस्या थी, जिसके कारण उनका स्वास्थ्य लगातार बिगड़ रहा था।
: इलाज के दौरान उनका निधन हो गया।

अंतिम संस्कार

: जाकिर हुसैन को सैन फ्रांसिस्को में सुपुर्द-ए-खाक किया गया।
: उनकी मौत से संगीत जगत में गहरा शोक फैल गया।

जाकिर हुसैन का योगदान

: जाकिर हुसैन को तबला वादन में महारथ हासिल थी।
: उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत को दुनिया भर में पहचान दिलाई।
: उनकी अद्वितीय कला और संगीत की समझ ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय बनाया।

संगीत जगत में शोक

उनकी मौत से:

: भारत और विदेश के संगीत प्रेमी सदमे में हैं।
: उनके प्रशंसकों और कलाकारों ने इसे संगीत जगत की बड़ी क्षति बताया।

तबला वादक जाकिर हुसैन: जीवन और उपलब्धियां

महान तबला वादक जाकिर हुसैन ने अपने संगीत से भारतीय शास्त्रीय संगीत को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया। उनका जीवन और उनकी उपलब्धियां संगीत प्रेमियों के लिए प्रेरणा हैं।

परिवार

पत्नी: एंटोनिया मिनिकोला
बेटियां: अनीसा और इसाबेला
पिता: प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद अल्ला रक्खा

जन्म और शुरुआत

जन्म: 9 मार्च 1951
जन्म स्थान: भारत

जाकिर हुसैन को बचपन से ही संगीत की शिक्षा उनके पिता उस्ताद अल्ला रक्खा ने दी थी।

करियर की ऊंचाइयां

: जाकिर हुसैन को उनकी पीढ़ी के सबसे महान तबला वादकों में से एक माना जाता है।
: उन्होंने भारत और विदेशों में भारतीय शास्त्रीय संगीत का परचम लहराया।
: हुसैन ने कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रदर्शन कर भारतीय संगीत को नई पहचान दिलाई।

पुरस्कार और सम्मान

ग्रैमी पुरस्कार:

: अपने करियर में चार ग्रैमी पुरस्कार जीते।
: 2023 में 66वें ग्रैमी अवॉर्ड्स में तीन पुरस्कार हासिल किए।

भारत सरकार के सर्वोच्च सम्मान:

1988: पद्म श्री
2002: पद्म भूषण
2023: पद्म विभूषण

संगीत में योगदान

जाकिर हुसैन भारतीय शास्त्रीय संगीत के साथ-साथ फ्यूजन और वर्ल्ड म्यूजिक में भी अग्रणी रहे।
उन्होंने कई विदेशी कलाकारों के साथ काम किया और भारतीय संगीत को वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय बनाया।

जाकिर हुसैन ने अपनी कला के जरिए भारतीय संगीत को जो ऊंचाई दी उसे हमेशा याद किया जाएगा।


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News Editor

Rahul Rana

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