स्वीडन और फिनलैंड ने मांगी नाटो की सदस्यता, तुर्की ने डाला पंगा

Tuesday, May 17, 2022 - 09:33 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः स्वीडन और फिनलैंड ने मंगलवार को नाटो में शामिल होने की अपनी कोशिशों को आगे बढ़ाया, वहीं तुर्की ने इस बात पर जोर दिया कि वह इन दोनों नॉर्डिक देशों के कुर्दिश उग्रवादियों को कथित समर्थन के कारण नाटो में शामिल नहीं होने देगा। तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने स्वीडन और फिनलैंड के नाटो में शामिल किए जाने के आग्रह पर आपत्ति जताते हुए दोनों देशों पर आरोप लगाया कि उन्होंने कुर्दिश उग्रवादियों और अन्य उन समूहों पर ‘स्पष्ट' रूख नहीं अपनाया जिन्हें तुर्की आतंकवादी मानता है।

फिनलैंड के राष्ट्रपति साउली नीनिस्तो ने स्वीडन की राजधानी स्टाकहोम की यात्रा के दौरान कहा, ‘‘तुर्की के बयान बहुत तेजी से बदल रहे हैं और पिछले दिनों थोड़े सख्त हो गये हैं। लेकिन मुझे विश्वास है कि हम सकारात्मक बातचीत से हालात का समाधान निकाल लेंगे।'' फिनलैंड की संसद ने इस देश की सरकार के नाटो में शामिल होने के प्रस्ताव को जबरदस्त समर्थन दिया है। मंगलवार को 200 सदस्यीय सदन में 8 के मुकाबले 188 सदस्यों ने पश्चिमी देशों के 30 सदस्यीय सैन्य संगठन की सदस्यता के लिए मतदान किया।

फिनलैंड अब औपचारिक आवेदन पर हस्ताक्षर कर आने वाले कुछ दिन में स्वीडन के साथ इसे नाटो मुख्यालय में जमा कर सकता है। स्वीडन की सरकार ने भी सोमवार को नाटो में शामिल होने के विचार की घोषणा की थी। लेकिन एर्दोआन ने पहले शुक्रवार को और एक बार फिर सोमवार को नाटो में शामिल होने की प्रक्रिया इतनी तेजी से बढ़ने पर सवाल उठाये। पश्चिमी देशों के इस सैन्य संगठन में किसी देश के शामिल होने के लिए सभी 30 सदस्य देशों के बीच आम-सहमति जरूरी है।

तुर्की के नेता ने नॉर्डिक देशों पर ‘आतंकवादियों' को पनाहगाह उपलब्ध कराने तथा तुर्की पर पाबंदियां लगाने का आरोप लगाया है। उनका इशार कुर्दिश लड़ाकों से लड़ने के लिए सीरिया में तुर्की द्वारा सैनिकों को भेजे जाने के बाद 2019 में स्वीडिश और फिनिश हथियारों के निर्यात को निलंबित किये जाने की ओर था। एर्दोआन ने इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए राजनयिकों का एक दल तुर्की भेजने की स्वीडन की योजना को भी खारिज कर दिया।

Yaspal

Advertising