साल का आखिरी खंडग्रास सूर्यग्रहण कलः इन देशों में दिखेगा अद्भुत नजारा ! जानें भारत में ग्रहण का क्या पड़ेगा प्रभाव

punjabkesari.in Saturday, Sep 20, 2025 - 05:06 PM (IST)

International Desk: कल यानि 21 सितंबर 2025 को खंडग्रास सूर्यग्रहण के दौरान खगोल विज्ञान का अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा। हालांकि भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा, लेकिन न्यूज़ीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका और प्रशांत महासागर के कुछ हिस्सों में इसे प्रत्यक्ष देखा जा सकेगा।  इस खगोलीय घटना में सूर्य का केवल एक हिस्सा ही चंद्रमा द्वारा ढक जाएगा, जिससे आंशिक अंधेरा पैदा होगा। 

 

खगोल विज्ञान और महत्व
खंडग्रास सूर्यग्रहण खगोलविदों के लिए अध्ययन का महत्वपूर्ण अवसर होता है। सूर्य के पार्श्व हिस्से और कोरॉना का अवलोकन किया जाता है। अंतरिक्ष और उपग्रहों के माध्यम से सूर्य की गतिविधियों पर डेटा संग्रहित किया जाता है। मौसम और सौर गतिविधियों के मॉडलिंग के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।

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समय और अवधि  
 श्री बांके बिहारी पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर गोस्वामी अनंत श्रीहरिदास ने बताया कि भारतीय समयानुसार ग्रहण   21 सितंबर की रात 11 बजे से शुरू होकर 22 सितंबर की सुबह 3:23 बजे तक; लगभग 4 घंटे 23 मिनट तक चलेगा। उन्होंने यह भी बताया कि अंतर्राष्ट्रीय खगोल डेटा के अनुसार ग्रहण की शुरुआत और समाप्ति का समय क्षेत्र विशेष के अनुसार अलग-अलग होगा। भारत में इसका कोई  प्रभाव नहीं, इसलिए किसी प्रकार के धार्मिक नियम या सूतक लागू नहीं होंगे इसलिए सूर्यग्रहण से जुड़े  किसी भी प्रकार के ग्रहण नियम या पूजा का पालन करने की आवश्यकता नहीं है।  

 

गूगल पर सूर्यग्रहण का अनुभव
इस बार गूगल ने अपने सर्च पेज पर खास इफेक्ट जोड़ा है। जब आप सूर्य ग्रहण, Suryagrahan या Solar Eclipse टाइप करेंगे, तो आपकी स्क्रीन कुछ सेकेंड के लिए हल्की अंधेरी हो जाएगी, मानो सूर्य पर ग्रहण लग गया हो। यह गूगल का यूजर इंटरैक्शन बढ़ाने का अनोखा तरीका है। खगोलविदों के अनुसार आने वाले वर्षों में भारत और विश्व के विभिन्न हिस्सों में कई खंडग्रास और पूर्ण सूर्यग्रहण होंगे। प्रत्येक ग्रहण खगोल विज्ञान और धर्म दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जाता है।


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Content Writer

Tanuja

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