पाक सुप्रीम कोर्ट ने की नवाज को शर्मिंदा करने वाली टिप्पणी

Wednesday, Nov 08, 2017 - 12:16 PM (IST)

इस्लामाबादः पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की अयोग्यता पर शर्मिंदा करने वाली 2 टूक टिप्पणी की है। कोर्ट ने 15 सितंबर को शरीफ की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी। अब विस्तृत फैसला जारी किया गया है, जिसमें कोर्ट ने कहा है कि उनकी अयोग्यता से जुड़े फैसले पर कोई विवाद नहीं है। शरीफ परिवार और वित्त मंत्री इशाक डार ने शीर्ष अदालत के 28 जुलाई के फैसले को चुनौती दी थी।

कोर्ट ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि शरीफ ने संसद के साथ ही अदालत के अंदर और बाहर लोगों को मूर्ख बनाया है। जज के अनुसार, 'नवाज शरीफ ने कोर्ट को भी मूर्ख बनाने की कोशिश की थी। लेकिन, उन्हें इस बात का अहसास नहीं था कि वह सभी को कुछ समय के लिए मूर्ख बना सकते हैं  लेकिन  हर समय मूर्ख नहीं बना सकते।' कोर्ट ने 23 पृष्ठों के फैसले में टिप्पणी की है कि पनामा केस में ऐसी कोई खामी नहीं मिली, जिसकी समीक्षा की जाए।

जियो टीवी के अनुसार, शीर्ष अदालत ने कहा कि अकाउंटेबिलिटी कोर्ट सबूतों की प्रकृति के आधार पर निर्णय लेने और कमजोर साक्ष्यों को खारिज करने के लिए स्वतंत्र है। सुप्रीम कोर्ट ने छह महीने की मियाद तय करने पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि सुनवाई जल्द से जल्द पूरा करने के लिए ऐसा किया गया है। निचली अदालत में सुनवाई की निगरानी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के जज की नियुक्ति को भी सही ठहराया गया है। कोर्ट ने कहा कि किसी भी तरह की लापरवाही से बचने के लिए ऐसा किया गया।

नैशनल अकाउंटेबिलिटी कोर्ट ने शरीफ, उनके बच्चों और दामाद के खिलाफ 8 सितंबर को तीन मामले दर्ज किए थे। दोषी ठहराए जाने पर शरीफ को जेल भी जाना पड़ सकता है। नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर तीखी टिप्पणी की है। उन्होंने ट्वीट किया, 'पीड़ित नवाज शरीफ नहीं, बल्कि न्याय खुद है। यह फैसला जबर्दस्त दबाव में दिया गया है, नहीं तो न्याय का ऐसा मजाकअकल्पनीय है।'

पनामा पेपर मामले में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की कुर्सी गंवाने वाले नवाज शरीफ भ्रष्टाचार मामलों का सामना करने के लिए मंगलवार को कोर्ट में पेश हुए। उनके साथ उनकी बेटी मरयम और दामाद कैप्टन (रिटायर) मुहम्मद सफदर भी अदालत में पेश हुए। इन दोनों को भी भ्रष्टाचार के मामलों में आरोपी बनाया गया है।

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