ब्रिटेन जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में भारी गिरावट , ये है वजह

Tuesday, Jan 17, 2017 - 01:30 PM (IST)

लंदन : भारत ने अध्ययन के लिए ब्रिटेन आने वाले भारतीय छात्रों की संखया में आई भारी गिरावट पर चिंता जाहिर की है और वीजा से जुड़े मुद्दों को सुलझाने की अपील की है।  ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त का पद संभालने वाले वाई के सिन्हा ने अमरीका, ऑस्ट्रेलिया और पूरे यूरोप में भारतीय छात्रों की संख्या के बीच के भारी अंतर को रेखांकित किया।

सिन्हा ने पिछले ही माह पदभार संभाला है।  सिन्हा ने कल शाम लंदन में इंडिया हाउस में जुटे मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘शिक्षा के क्षेत्र में हमें कुछ समस्या है क्योंकि वर्ष 2010 में ब्रिटेन में भारतीय छात्रों की संख्या लगभग 40,000 थी। यह संख्या घटकर 19,000 रह गई है। तुलनात्मक रूप से देखें तो अमरीका में वर्ष 2010 में भारतीय छात्रों की संख्या 1,04,000 थी लेकिन आज वह संख्या 1,66,000 हो गई है।’’  उन्होंने कहा, ‘‘ऑस्ट्रेलिया में वर्ष 2010 में यह संख्या 19,000 थी और आज यह संख्या 40,000 हो गई है। निश्चित तौर पर कुछ तो गलत हुआ है क्योंकि ब्रिटेन हमेशा से भारतीय छात्रों की पहली पसंद रहा है।’’

सिन्हा ने कहा, ‘‘हमें यह देखने की जरूरत है कि हम यह कैसे सुुनिश्चित कर सकते हैं कि ब्रिटेन भारत से अच्छे छात्रों को आकर्षित करता रहे क्योंकि भारतीय छात्र जहां कहीं भी जा रहे हैं, अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।’’  यहां तक कि जर्मनी जैसे देशों में भी 10,000 से ज्यादा और फ्रांस में 5000 भारतीय छात्र हैं। ये देश छात्रों को आकर्षित करने के लिए भारतीय परिसरों में जा रहे हैं।  उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि ब्रिटेन के विश्वविद्यालय अच्छा काम कर रहे  हैं लेकिन मुझे लगता है कि हमें वीजा से जुड़े मुद्दों को हल करने पर काम करना चाहिए। यह एक एेसा क्षेत्र है, जिसमें दोनों सरकारें एक दूसरे से बात कर रही हैं। 
 

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