अफगानिस्तान के नाम पर अमेरिका से डबल गेम खेल रहा पाकिस्तान !

Wednesday, Jun 09, 2021 - 11:49 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः  भारत के साथ हमेशा डबल गेम खेलने वाला पाकिस्तान अब अमेरिका के साथ भी इसी रणनीति पर चल रहा है। अफगानिस्तान के नाम पर पाक अमेरिका के साथ डबल गेम खेल रहा है। अमेरिकी सेना 11 सितंबर तक अफगानिस्तान से  निकलने से पहले तालिबान और अलकायदा पर नजर रखने के लिए रणनीति तैयार कर रही है। अमेरिका चाहता है कि सैनिकों की वापसी से पहले उसे पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर एयर या मिलिट्री बेस मिल जाएं ताकि वो आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले कर सके। ऊपरी तौर पर पाकिस्तान बेशक इससे इंकार कर रहा है लेकिन हकीकत कुछ और ही है। पाकिस्तानी मीडिया की मानें तो पिछले दिनों अमेरिका के CIA चीफ एक बेहद सीक्रेट विजिट पर पाकिस्तान आए थे हालांकि पाकिस्तानी सेना और सरकार इस मामले पर मुंह खोलने को तैयार नहीं है।

पाकिस्तान सरकार यह मानने तैयार नहीं है कि CIA चीफ विलियम बर्न्स ने इसी हफ्ते इस्लामाबाद का गुपचुप दौरा किया था। लेकिन, मीडिया में यह खबर लीक हो चुकी है। सवाल यह है कि बर्न्स क्यों आए थे और उनकी किससे और क्या बातचीत हुई। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान सरकार और फौज एयर और मिलिट्री बेस देने पर सौदेबाजी कर रही है। अमेरिकी अधिकारियों का दावा है कि डील तो पहले ही हो चुकी है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि पाकिस्तान सरकार या फौज अमेरिका को अड्डे देने से इनकार कर ही नहीं सकती। अगर उसने ऐसा किया तो पाकिस्तान बेहद मुश्किल में फंस जाएगा।

उधर न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक CIA चीफ ने पाकिस्तानी आर्मी चीफ जनरल बाजवा और आईएसआई हेड जनरल फैज से मुलाकात की। डिफेंस सेक्रेटरी जनरल लॉयड आस्टिन भी पाकिस्तान सरकार और सेना से बात कर चुके हैं। ऐसे में सवाल ही पैदा नहीं होता कि पाकिस्तान अब अमेरिका को इनकार कर सके। दरअसल, पाकिस्तान ने 2001 में अमेरिका से एक समझौता किया था। इसके तहत अमेरिकी फौज पाकिस्तान के एयरबेस और एयरस्पेस इस्तेमाल कर सकती है। यानी पुराना समझौता रद्द नहीं किया गया, बल्कि इमरान सरकार सिर्फ नए समझौते से इनकार कर रही है।

बता दें कि दुनिया को दिखाने के लिए पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सोमवार को फिर कहा था कि अमेरिका को एयर या मिलिट्री बेस नहीं दिए जाएंगे। कुरैशी ने कहा कि यह बात सही है कि अमेरिका हमसे इस तरह की मांग कर रहा है लेकिन पाकिस्तान की कुछ चिंताएं हैं। हम उन्हें यह सुविधा नहीं दे सकते। जब उनसे यह पूछा गया कि अमेरिका ने पाकिस्तान को कुछ ऑफर दिए हैं तो उन्होंने इसका गोलमोल जवाब दिया। वहीं न्यूयॉर्क टाइम्स ने मंगलवार को जारी रिपोर्ट में कहा- पाकिस्तान और अमेरिका की बातचीत एक टकराव के स्तर पर पहुंच गई है।
 

Tanuja

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