श्रीलंका में कोरोना मृतकों के के शव सिर्फ जलाने के आदेश, भड़क गया मुस्लिम समाज

Monday, Apr 13, 2020 - 02:01 PM (IST)

कोलंबोः श्रीलंका में कोरोना वायरस को लेकर दिए गए सरकारी आदेश से यहां का मुस्लिम समाज भड़क गया है। श्रीलंका सरकार ने कोरोना वायरस से मौत होने पर शवों का दाह संस्कार अनिवार्य करने के लिए कानून में संशोधन किया है। इस नए कानून के खिलाफ अब मुस्लिम समुदाय ने अपना विरोध दर्ज कराना शुरू कर दिया है। सरकार के स्वास्थ्य मंत्री पवित्र वन्नियाराच्ची की ओर से जारी राजपत्र के तहत बताया गया है कि मुस्लिम समुदाय के विरोध प्रदर्शन के बाद भी नए कानून को मंजूरी दे दी गई है। जानकारी के अुनसार श्रीलंका में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ रहा है।

 

श्रीलंका में अ​ब तक 200 लोग कोरोना संक्रमित बताए गए हैं, जिनमें से सात लोगों की मौत हो चुकी है. मृतकों में तीन मुसलमान हैं। 11 अप्रैल को सरकार की ओर से जारी किए गए राजपत्र में कहा गया है कि जिस भी व्यक्ति की मौत कोरोना वायरस से होने का संदेह है उसके शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा। वन्नियाराच्ची ने कहा कि मृत शरीर को 800 से 1200 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान पर न्यूनतम 45 मिनट से एक घंटे तक जलाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि शवों का अंतिम संस्कार कब्रिस्तान या अधिकारियों द्वारा अनुमोदित स्थान पर ही किया जाएगा। संशोधित कानून के तहत शव के पास जाने की इजाजत केवल उसी व्यक्ति को दी जाएगी जो शवदाह करने के लिए आवश्यक कर्तव्यों को पूरा करेगा। सरकार के इस कदम से अब मुस्लिम समुदाय में विरोध के स्वर तेज हो गए हैं।

 

WHO की ओर से शवों को लेकर जारी है गाइडलाइन
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO ) की ओर से कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए कुछ गाइडलाइन जारी की गई है। इसके मुताबिक कोरोना से संक्रमित मरीजों की मौत पर शवों को आइसोलेशन रूम या किसी क्षेत्र में इधर-उधर ले जाने के लिए एक अभेद्य बॉडी बैग का इस्तेमाल करना होगा और शवों को पूरी तरह से सील करना होगा ताकि शवों के फ्लूइड्स की लीकेज से बचा जा सके।

Tanuja

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