श्रीलंका की जाफना यूनिवर्सिटी ने चीन को दिया झटका, MOU से किया इंकार

Saturday, Dec 03, 2022 - 02:33 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः श्रीलंका की जाफना यूनिवर्सिटी ने चीन को बड़ा झटका दिया है। जाफना यूनिवर्सिटी ने हाल ही में चीन के सरकारी कृषि विवि के साथ एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर दस्तखत करने से इंकार कर दिया जिसके चलते चीन-श्रीलंका संबंध और अधिक तनावपूर्ण हो गए हैं। जाफना विवि का कहना है कि इस सौदे के भीतर उत्तरी व पूर्वी क्षेत्र में विकास परियोजनाओं के बहाने उपजाऊ भूमि हड़पने का चीन का गुप्त एजेंडा छिपा हुआ है।

 

 जाफना यूनिवर्सिटी के अनुसार  चीन ने कथित तौर पर श्रीलंका को उर्वरक के रूप में हानिकारक बैक्टीरिया के साथ मल पदार्थ की आपूर्ति की और श्रीलंका को लाखों रुपये का भुगतान करने के लिए मजबूर किया। यह एक उत्कृष्ट उदाहरण है कि चीन कैसे हमारी उपजाऊ कृषि भूमि को हड़प लेगा और चीन में पैदा हुए खाद्य संकट का प्रबंधन करने के लिए हमें आने वाले वक्त में अपना गुलाम बना लेगा।  मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जाफना यूनिवर्सिटी के कुलपति शिवकोलुंडु श्रीसतकुनाराजा ने 25 नवंबर को MOU पर हस्ताक्षर करने से इंकार किया था। इसके अलावा छात्रसंघ ने भी सरकार से लोगों की इच्छा के विरुद्ध चीन के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर नहीं करने की अपील की थी।

 

 छात्रसंघ ने MOU पर हस्ताक्षर से इंकार करने के लिए कुलपति का आभार जताया। बयान में आगे कहा गया है कि चीन ने समुद्री खीरे (एक प्रकार की मछली) को बढ़ावा देने के बहाने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से समुद्री क्षेत्रों के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया और अपने मछुआरों के बीच विभाजन पैदा कर दिया। जाफना विवि के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया कि अब, चीन एक गंभीर खाद्य संकट का प्रबंधन करने के लिए एक दुर्भावनापूर्ण गणना के साथ उत्तर और पूर्व में उपजाऊ कृषि भूमि को हड़पने पर नजर गड़ाए हुए है। यह भूमि आगामी दस वर्षों में चीनी कब्जे में रहेगी। यह श्रीलंका के साथ भेदभाव की निशानी है।

Tanuja

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