'चीन-भारत के तनाव से संघर्ष बढ़ने की आशंका'

Saturday, Aug 19, 2017 - 02:53 PM (IST)

वाशिंगटन: अमरीकी कांग्रेस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन और भारत के बीच तनाव तेज होने से संघर्ष के खुलकर बढ़ने की आशंका है और इससे अमरीका-भारत के सामरिक सहयोग को और ‘‘गति’’ मिल सकती है जिसका चीन पर असर हो सकता है।  


तनाव तेज होने से संघर्ष बढ़ने की आशंका
स्वतंत्र एवं द्विदलीय कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस(सीआरएस)की दो पन्नों की ‘डोका ला में चीन-सीमा तनाव’ रिपोर्ट सिक्किम सेक्टर में दोनों देशों के सैनिकों के बीच जारी तनातनी के बीच आई है। सीआरएस ने अपनी रिपोर्ट में कहा,‘‘तनाव तेज होने से संघर्ष के खुलकर बढ़ने की आशंका है और इससे अमरीका-भारत के सामरिक सहयोग को और गति मिल सकती है जिसका चीन पर असर हो सकता है। कांग्रेस के सामने यह मुद्दा है कि ट्रंप प्रशासन को एक रणनीति तैयार करने तथा इस सामरिक घटनाक्रम पर रिपोर्ट करने को कहा जाए या नहीं।’’  


सीआरएस अमरीकी कांग्रेस की एक स्वतंत्र शोध इकाई है जो कांग्रेस सदस्यों के फैसले लेने के लिहाज से अपने हितों के मुद्दों पर सांसदों के लिए रिपोर्ट एवं नीतिगत दस्तावेज तैयार करती है। इसकी रिपोर्ट को अमरीकी कांग्रेस का आधिकारिक रूख नहीं समझा जाता। 9 अगस्त की तारीख वाली रिपोर्ट गैर लाभकारी संगठन ‘फेडरेशन ऑफ अमरीकन साइंटिस्ट’ ने जारी की। अमरीका ने भारत-चीन सीमा तनातनी को लेकर अब तक तटस्थता बनाए रखी है और दोनों देशों को बातचीत के जरिए विवाद सुलझाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। ब्रूस वॉन द्वारा लिखी रिपोर्ट में कहा गया,‘‘भारत और चीन के बीच हाल के सीमा तनाव चीन-भारत प्रतिद्वंद्विता के नए चरण का संकेतक हो सकते हैं। 

यह प्रतिद्वंद्विता दोनों देशों की 2,167 मील लंबे विवादित हिमालयी सीमा पर ही नहीं दिखती बल्कि पूरे दक्षिण एशिया तथा हिंद महासागर तटीय क्षेत्र में भी दिखती है।’’  एशियाई मामलों के विशेषज्ञ वॉन ने कहा कि डोकाला में सीमा पर तनातनी चीन-भारत संबंधों में बदलाव को दिखाती है जिसका केवल हिमालयी सीमा की बजाए व्यापक संबंधों से ज्यादा लेना देना हो सकता है। उन्होंने लिखा,‘‘ऐसा लगता है कि चीन और भारत के बीच प्रतिद्वंद्विता बढ़ने की संभावना है।’’  

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