अब ये जूते करेंगे कोरोना से बचने में मदद, सोशल डिस्टेंसिंग भी होगी आसान

Monday, Jun 01, 2020 - 02:04 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः दुनिया के सभी छोटे-बड़े देशों के वैज्ञानिक कोरोना वायरस वैक्सीन की खोज में लगे हुए हैं लेकिन अभी तक किसी को सफलता नहीं मिली है। वैज्ञानिकों का मानना है कि जब तक महामारी का टीका नहीं बन जाता तब तक कोरोना से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग ही बेहतर उपाय है। लेकिन अब कोरोना से बचने के लिए जूते मदद करेंगे और इनसे सोशल डिस्टेंसिंग भी आसान हो जाएगी। अपनी सुंदरता के लिए पर्यटकों में प्रसिद्ध रोमानिया में भी कोरोना वायरस के चलते दो महीने तक लॉकडाऊन रहा जिसे मई महीने के मध्य से हटा दिया गया।

लॉकडाउन खुलते ही लोगों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग की कमी देखी गई जिससे वायरस फिर से फैलने का खतरा बढ़ गया। इस बीच रोमानियाई शूज मेकर ग्रिगोर लुप को एक आइडिया सूझा जिससे लोगों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जा सके । लुप ने बताया कि एक दिन वह अपने बगीचे के लिए कुछ सामान खरीदने बाजार गए, वहां बहुत लोग तो नहीं थे लेकिन फिर भी लोगों में सोशल डिस्टेंसिंग नहीं दिखाई दे रही थी। अपने जूतों को दिखाते हुए लुप ने कहा, अगर इन जूतों को पहनने वाले दो लोग एक-दूसरे के सामने खड़े होते हैं तो उनके बीच करीब एक-डेढ़ मीटर का फासला होगा। बता दें कि लुप जूते सिलने के अलावा पहले से तैयार जूते भी बेचते हैं। लुप ने बताया कि उन्होंने साल 2001 में अपनी दुकान खोली थी ।

वह देश भर के सिनेमाघरों और ओपेरा हाउसों के पारंपरिक आदेशों के साथ-साथ पारंपरिक लोक नृत्य कलाकारों को जूते बनाकर बेचते हैं। कोरोना लॉकडाउन के चलते उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ा, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में जल्द सब पहले जैसा हो जाएगा। बता दें कि यूरोपीय संघ राज्य रोमानिया कोरोना वायरस के 18,791 मामलों की पुष्टि हो चुकी है और 1,240 मौतें हुई हैं। लूप को यह आइडिया अभिनेताओं के लिए बनाए गए एक मॉडल से लंबी चोंच वाले जूते से मिला। उन्होंने बताया कि अब तक सोशल डिस्टेंसिंग बनाने वाले इस जूते के लिए 5 ऑर्डर भी आ चुके हैं। एक जोड़ी बनाने के लिए उन्हें दो दिन लगते हैं, जिसमें लगभग एक वर्ग मीटर चमड़े की आवश्यकता होती है। एक जोड़ी जूते बनाने में 500 ली (115 डॉलर) का खर्च आता है। अब 55 साल की उम्र में, लुप ने पहली बार ऐसे जूते बनाना शुरू किया है।

Tanuja

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