मस्जिद के मंच का इस्तेमाल कर अब पाक करेगा आतंकवाद का मुकाबला

Saturday, Mar 11, 2017 - 06:56 PM (IST)

लाहौर: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने आज मौलवियों से मस्जिद के मंच का इस्तेमाल कर शांति का संदेश देने एवं अतिवादी विचारधारा से निपटने की अपील की।


शरीफ ने सुन्नी विचारधारा के इस्लामी शिक्षण संस्था जामिया नईमिया में एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। संगोष्ठी संस्था के संस्थापक मौलाना सरफराज हुसैन नर्ईमी की आठवीं बरसी पर आयोजित की गई थी। आतंकियों ने नर्ईमी की हत्या की थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि धार्मिक विद्वानों को इस्लाम की सच्ची शिक्षा को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि धार्मिक विद्वानों को उन लोगों के खिलाफ खड़ा होना चाहिए जो अनबन और विभेद के बीज बो रहे हैं। उन्होंने शांति के संदेश के प्रसार में मौलवियों की भूमिका को लेकर बात करते हुए कहा, ‘‘उलेमाओं के पास मस्जिद का मंच है जहां से उन्हें पूरे पाकिस्तान में सुना जा सकता है।’’


शरीफ ने कहा,‘‘यह अब भी देश के लोगों तक पहुंचने का सबसे प्रभावशाली तरीका है। आप यहां से एकता का संदेश दे सकते हैं और देश में आतंकवाद के लिए दरवाजे बंद कर सकते हैं।’’ उन्होंने धार्मिक विद्वानों से इस लड़ाई को उसके तार्किक अंत तक पहुंचाने के लिए आगे आने की अपील की। 

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