LIVE: पंजशीर जीत के जश्न में तालिबान ने ली कई लोगों की जान, सरकार गठन से पहले काबुल पंहुचा ISI चीफ

Saturday, Sep 04, 2021 - 03:05 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद बिगड़े हालात को लेकर पूरी दुनिया टेंशन में है। एक ओर तालिबान लोगों से अफगानिस्तान में रुकने की अपील कर रहा है वहीं, दूसरी ओर तालिबान लड़ाके लगातार लोगों को निशाना बना रहे हैं। अफगानिस्तान से जुड़ी हर अपडेट पढञने के लिए जुड़े रहें Punjabkesari.in के साथ...

Live Updates:-

  • अफगानिस्तान की सत्ता में दो दशक बाद वापसी करने वाले तालिबान ने शुक्रवार देर रात दावा किया कि उसने पंजशीर पर भी कब्जा जमा लिया है। जीत की खुशी में तालिबानी लड़ाकों ने लगातार हवाई फायर किए। तालिबानियों का ये जश्न अफगानियों के लिए जी का जंजाल बना हुआ है।   एक समाचार एजेंसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक  पंजशीर में कब्जे के बाद तालिबान ने शुक्रवार की रात हवाई फायरिंग कर जश्न मनाया। इस दौरान बच्चों समेत कई लोग इसके शिकार हो गए। तालिबान के हवाई फायर से कई लोगों के मारे जाने की खबर है, वहीं, कई लोग घायल हो गए हैं।
     
  • काबुल में एक आपात अस्पताल के एक अधिकारी ने कहा कि तालिबान के लड़ाकों द्वारा राजधानी में जश्न में हवा में की गई गोलीबारी में दो लोग मारे गए तथा 12 अन्य घायल हो गए। काबुल में तालिबान ने पंजशीर प्रांत में बढ़त बनाने का जश्न मनाते हुए शुक्रवार रात को हवा में गोलीबारी की। यह प्रांत अब भी तालिबान विरोधी लड़ाकों के कब्जे में है। अस्पताल के अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर यह जानकारी दी। तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने ट्विटर पर हवा में गोलियां चलाने की निंदा की और लड़ाकों से फौरन यह रोकने का आह्वान किया। तोलो टीवी की खबर के अनुसार, आपात अस्पताल में 17 शवों और 41 घायलों को लाया गया है।
  •  हालांकि तालिबान का डटकर सामना कर रहे अहमद मसूद और अफगानिस्तान के पूर्व उप-राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने इन सभी दावों को खारिज कर दिया है। अहमद मसूद ने तालिबान के दावाें को नकारते हुए ट्वीट  कि पंजशीर पर जीत की खबरें पाकिस्तानी मीडिया में घूम रही हैं। यह एक झूठ है। पंजशीर पर उनकी जीत पंजशीर में मेरा आखिरी दिन होगा, इंशाअल्लाह।' उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने भी एक वीडियो जारी कर कहा कि सोशल मीडिया में उनके घायल होने और पंजशीर से भागने की अफवाह फैलाई जा रही है। हालांकि, मैं अब भी पंजशीर में अपने लोगों के साथ हूं और लगातार बैठकें कर रहा हूं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि हम एक मुश्किल स्थिति में हैं। हम तालिबान द्वारा आक्रमण को झेल रहे हैं।
     
  • तालिबान के बड़े नेता भले ही पाकिस्तान से सांठगांठ होने से इनकार करें लेकिन दोनों के बीच के रिश्ते खुलकर उजागर होने लगे हैं। इस बार पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के प्रमुख फैज हमीद तालिबान सरकार के गठन से पहले काबुल पहुंच गए हैं। उनका इस तरह  सरकार के गठन से पहले अफगानिस्तान पहुंचना पाक-तालिबान के मजबूत रिश्तों पर मोहर है। और अमेरिका को अफगानिस्तान से निकालने और 20 साल तक उसके खिलाफ चली लड़ाई में तालिबान का समर्थन की अटकलों का  पुख्ता सबूत है ।
  • सत्ता पर काबिज होते ही महिलाओं के अधिकारों की बात करने वाला तालिबान अपना रंग बदलने लगा है। अब तालिबान की ओर से तुगलकी फरमान जारी हुआ है। इसके तहत अफगानिस्तान में केवल उन्हीं महिलाओं को पढ़ाई की इजाजत होगी जो हिबाज पहनेंगी। इसके अलावा महिलाएं अगर काम पर जाना चाहती हैं तो उन्हें बुर्का पहनना अनिवार्य होगा। तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने विदेशी मीडिया से बातचीत दौरान कहा कि हमारी संस्कृति है कि महिलाएं हिजाब पहनकर शिक्षा पा सकती हैं और पर्दे में रहकर काम भी कर सकती हैं। इसलिए हमें महिलाओं के अधिकारों से कोई परेशानी नहीं है। बशर्ते हमारी संस्कृति से समझौता न किया जाए।  
     
  • तालिबान ने कहा है कि वेस्टर्न यूनियन अफगानिस्तान में अपना कामकाज फिर से शुरू करेगी। इससे नकदी की कमी का सामना कर रहे देश में विदेशी धन के प्रवाह का एक दुर्लभ माध्यम खुल जाएगा। समूह के सांस्कृतिक आयोग के प्रवक्ता अहमदुल्ला मुत्ताकी ने शुक्रवार को इस फैसले की घोषणा की। गौरतलब है कि 15 अगस्त को तालिबान के काबुल पर कब्जा करने के बाद अमेरिकी वित्तीय सेवा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी ने अफगानिस्तान में अपना कामकाज बंद कर दिया था।
  • यूरोपीय संघ के अधिकारियों ने अफगानिस्तान के नए शासक के रूप में तालिबान के साथ संबंधों के स्तर के बारे में शुक्रवार को मानवाधिकारों और कानून के शासन सहित विभिन्न शर्तों की एक सूची तैयार की। पिछले महीने अफगान सरकार के गिरने और अफगानिस्तान पर तालिबान के काबिज होने के बाद 27 देशों के संघ ने युद्धग्रस्त देश से अपने राजनयिकों को वापस बुला लिया है। लेकिन यूरोपीय संघ (ईयू) के अधिकारियों ने कहा है कि क्योंकि अब जब तालिबान सत्ता में आ गया है तो वे सहयोग की इच्छा रखते हैं। ईयू मानवीय सहायता पहुंचाने तथा काबुल से अफगान सहयोगियों और कर्मियों को बाहर निकालने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है एवं बड़ी संख्या में शरणार्थियों को आने से रोकने की कोशिश कर रहा है जिससे कि यूरोप में कोई अन्य प्रवासन संबंधी संकट उत्पन्न न हो।
     
  • तालिबान का दावा है कि इटली ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में अपना दूतावास फिर से खोलने का वादा किया है। तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद नईम ने शुक्रवार को यह बात कही। उन्होंने ट्वीट किया, “आज, अफगानिस्तान के राजनीतिक कार्यालय ने इटली के प्रधानमंत्री (मारियो ड्रैगी) के प्रतिनिधि के साथ बैठक की। इटली ने अफगानिस्तान में अपना दूतावास फिर से खोलने का वादा किया है।
  • अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद  हालात कितने भयावह हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अपनी लड़कियों को अफगानिस्तान से निकालने के लिए कई पेरेंट्स ने  उनकी शादी काबुल एयरपोर्ट के बाहर ही करा दी है लड़कियां तालिबान के दहशतगर्दों के हाथों में न पड़ जाएं। ये घटनाएं 30 अगस्त के पहले की हैं। UAE में मौजूद अमेरिकी अफसरों ने इन मामलों की जानकारी विदेश मंत्रालय को दी। स्टेट डिपार्टमेंट ने होमलैंड सिक्योरिटी और डिफेंस डिपार्टमेंट को मामले की जांच करने के साथ ही अलर्ट रहने को कहा।

Tanuja

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