उम्मीद की किरणः घर बैठे सिर्फ 75 रुपए में होगा कोरोना का टेस्ट, 10 मिनट में मिलेगा रिजल्ट

Saturday, Mar 28, 2020 - 05:39 PM (IST)

लंदनः पूरी दुनिया के डाक्टर कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लगातार प्रयोग कर रहे हैं। लेकिन विश्व के हर देश के सामने सबसे बड़ी समस्या कोरोना वायरस के टेस्ट को लेकर है जिसकी किट की कमी को लेकर चिकित्सकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। टेस्ट किट की कमी की वजह से कई देशों में संक्रमण के मरीजों की जांच तक नहीं हो पा रही है। लेकिन इस दिशा में जल्दी ही एक बड़ी कामयाबी मिलने वाली है। 

 

रिसर्चर्स ने उस टेस्ट किट का ट्रायल शुरू कर दिया है, जिससे घर बैठे सिर्फ 10 मिनट में कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच की जा सकती है। इस टेस्ट किट की कीमत भी सिर्फ 1 डॉलर यानी करीब 75 रुपए होगी। अगर टेस्ट का ट्रायल सफल रहता है और ये सभी मानकों पर खरी उतरती है तो इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू हो जाएगा। सेनेगल और यूके में इसकी मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट लगाई जाएगी। सबसे पहले टेस्ट किट को अफ्रीकी देशों को उपलब्ध करवाया जाएगा।  उम्मीद है कि जून तक ये उपलब्ध हो जाएगा।

अल जजीरा की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस परियोजना से जुड़े पाश्चर इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर अमदौ सल ने बताया है कि सबसे पहले वो अफ्रीकी देशों में टेस्ट किट उपलब्ध करवाएंगे। अमदौ सल की कंपनी ने एक ब्रिटिश बायोटेक कंपनी मोलोजिक के साथ मिलकर टेस्ट किट का प्रोटोटाइप तैयार कर लिया है। उस ब्रिटिश बायोटेक कंपनी ने ही क्लियरब्लू प्रेगनेंसी टेस्ट किट बनाया है। सल और उनके रिसर्चर की टीम सेनेगल में काम कर रही है। इसे पहले इस टीम ने डेंगू और यलो फीवर की वैक्सीन बनाने में कामयाबी पाई थी। टेस्ट किट तैयार होने के बाद ये यूके में भी उपलब्ध होगी।

रिपोर्ट के मुताबिक उनके संस्थान में 40 लाख टेस्ट किट सालाना बनाने की क्षमता होगी। इस टेस्ट किट को बनाने वाले अभी इस बात को बताने में असमर्थ हैं कि क्या दूसरे देशों में भी इसके मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स लगाए जा सकते हैं। अल जजीरा से बात करते हुए मोलोजिक कंपनी के डायरेक्टर जो फिचेट ने कहा है कि जब कोरोना वायरस का संक्रमण पैदा हुआ तो उन्हें उसी वक्त लग गया था कि अफ्रीकी देशों को काफी नुकसान होगा। इस टेस्ट किट के जरिए दुनिया के किसी भी हिस्से में बड़ी आसानी से तुरंत संक्रमण की जांच की जा सकती है और इससे संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है।

जो फिचेट की कंपनी को ब्रिटिश सरकार और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन फंड कर रही है इसलिए टेस्ट किट की कीमत इतनी कम है। जो फिचेट का कहना है कि उनकी कोशिश होगी की किट की कीमत कम से कम रखी जाए। गौरतलब है कि कोरोना वायरस का अभी तक कोई वैक्सीन नहीं खोजी जा सकी है और न ही इसका कोई पुख्ता इलाज ढूंढा जा सका है। ऐसे में सस्ता टेस्ट किट संक्रमण को रोकने में गेम चेंजर साबित हो सकता है। ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच करके संक्रमण के फैलने पर काबू पाया जा सकता है। वायरस के ट्रांसमिशन को रोककर बीमारी से निपटा जा सकता है। 

Tanuja

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