Pakistan: अदालत ने इमरान खान के जमान पार्क आवास के तलाशी वारंट को निष्प्रभावी घोषित किया

Wednesday, May 31, 2023 - 07:12 PM (IST)

इस्लामाबाद: लाहौर में एक आतंकवाद-रोधी अदालत (ए.टी.सी.) ने मंगलवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पी.टी.आई.) के अध्यक्ष इमरान खान के जमान पार्क निवास के सर्च वारंट को निष्प्रभावी घोषित कर दिया। पूर्व प्रधानमंत्री ने अपने जमान पार्क निवास के लिए तलाशी वारंट रद्द करने का अनुरोध करते हुए लाहौर की आतंकवाद-रोधी अदालत का रुख किया था। याचिका में राज्य, लाहौर के कमिश्नर, डी.आई.जी. आप्रेशन लाहौर, एस.एस.पी. आप्रेशन लाहौर और अन्य को प्रतिवादी बनाया था। खान ने अपनी दलील में कहा कि कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने दुर्भावनापूर्ण इरादे से तलाशी वारंट हासिल किया। कार्रवाई शुरू होते ही आयुक्त लाहौर, डी.सी. लाहौर और अन्य अधिकारी ए.टी.सी. न्यायाधीश अबहर गुल की अदालत में पेश हुए।

 

जज अबहर गुल खान ने पी.टी.आई. प्रमुख की याचिका पर सुरक्षित फैसला सुनाते हुए कहा-‘‘एक बार का सर्च वारंट सदा के लिए नहीं होता है।’’ उधर, 9 मई को ऐतिहासिक जिन्ना हाऊस (कोर कमांडर हाऊस) पर हुए ङ्क्षहसक हमला मामले की जांच कर रहे संयुक्त जांच दल (जे.आई.टी.) ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को मंगलवार को तलब किया। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पी.टी.आई.) के प्रमुख खान को लाहौर में किला गुज्जर पुलिस मुख्यालय में जे.आई.टी. के समक्ष पेश होने को कहा गया। उन्हें हमले को लेकर सरवर रोड थाने में दर्ज के एक मामले में पूछताछ के लिए बुलाया गया है। पूर्व प्रधानमंत्री खान को 9 मई को गिरफ्तार किए जाने के बाद हुए सरकार विरोधी प्रदर्शन में पी.टी.आई. कार्यकत्र्ताओं ने जिन्ना हाऊस (कोर कमांडर हाऊस) को आग लगा दी थी।

 

 

अगवा किया गया इमरान समर्थक पत्रकार सामी इब्राहिम रिहा

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानंत्री इमरान खान के समर्थक एक टेलीविजन पत्रकार को उसे अगवा करने वालों ने रिहा कर दिया है, जिसके बाद वह मंगलवार को सुबह अपने घर लौट आए। पिछले सप्ताह लापता हुए पत्रकार सामी इब्राहिम के परिवार और उसके नियोक्ता ने यह जानकारी दी। सामी इब्राहिम के भाई अली रजा ने ट्वीट करके तथा ‘बोल टीवी' ने अपनी खबर में उनकी रिहाई की पुष्टि की।

 

इब्राहिम के परिवार तथा बोल टीवी ने बताया कि वह इस्लामाबाद में काम के बाद घर लौट रहे थे तभी चार वाहनों में सवार आठ लोगों ने उनकी कार को बीच में रोका और उन्हें अपने साथ ले गए थे। पत्रकार को अगवा करने की अभी किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है लेकिन माना जा रहा है कि उन्हें देश की सुरक्षा एजेंसियों ने पकड़ा था। इन एजेंसियों पर पत्रकारों को अगवा करने, प्रताड़ित करने तथा यातना देने के आरोप लगते रहे हैं। इब्राहिम सार्वजनिक तौर पर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार का विरोध करते रहे हैं। इमरान के समर्थक एक अन्य टीवी पत्रकार इमरान रियाज इस माह की शुरुआत से लापता हैं और अभी तक उन्हें रिहा नहीं किया गया है।  

Tanuja

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