बांग्लादेश में ओमीक्रोन के प्रसार के बीच स्कूल बंद, व्यपार मेले को दी अनुमति

Thursday, Feb 03, 2022 - 08:03 PM (IST)

ढाका:  बांग्लादेश में महामारी के चलते 543 दिन तक बंद रहने के बाद सितंबर में जब स्कूल खुले तो राजधानी ढाका स्थित एक अग्रणी निजी स्कूल में शिक्षक तथा अकादमिक पर्यवेक्षक रफसा हसीना अफरोज ने राहत की सांस ली और उन्हें लगा कि अब ऑनलाइन कक्षाएं नहीं लेनी पड़ेंगी, लेकिन यह राहत बहुत छोटी थी। हाल में कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के चलते संक्रमण के मामलों में हुई तेज वृद्धि के बाद अधिकारियों ने एक बार फिर स्कूल बंद करने का निर्देश दे दिया।

 

अफरोज कहती हैं, ''स्कूल में पहले जैसा माहौल तो नहीं था , लेकिन हम वापस लौटकर खुश थे। पूरी अवधि के दौरान मैं अपने छात्रों और सहकर्मियों को याद करती रही। नयी वास्तविकता से तालमेल बिठाना मेरे लिये एक बड़ी चुनौती है। '' अफरोज की तरह कई और शिक्षक तथा छात्र निराश हैं। वह कहती हैं, ''हम दोबारा कैद हो गए हैं। हमारे छात्र स्कूल नहीं आ पा रहे। ओमीक्रोन फैल रहा है, जो इसका वैध कारण है। हम फिर से ऑनलाइन कक्षाएं ले रहे हैं। यह संतोषजनक नहीं है। छात्रों के बिना स्कूल बेरौनक है।'' बांग्लादेश में एक तरफ तो स्कूलों को बंद कर दिया गया है वहीं दूसरी और पिछले महीने शुरू हुए एक माह चलने वाले व्यापार मेले के लिये कारोबारी गतिविधियों की अनुमति दी गई है, जिस लेकर सवाल खड़े हो गए हैं।

 

स्वास्थ्य संबंधी दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए, फर्नीचर, हस्तशिल्प, इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य सामानों की प्रदर्शनी में हर दिन हजारों आगंतुक आते हैं। ढाका में महीने भर चलने वाला सालाना पुस्तक मेला फरवरी में शुरू होने की संभावना है, जिसमें हजारों और आगंतुक आएंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि निरंतरता की कमी अतार्किक है और महामारी संबंधी सावधानियों को कमजोर करती है। ढाका स्थित ‘पोठिक्रित इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ साइंसेज' में बायोमेडिकल साइंटिस्ट और सलाहकार लियाकत अली ने कहा, ''अगर मनोरंजन केंद्र और सामुदायिक केंद्र खुले हैं, तो शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने का आदेश देना विरोधाभासी है, क्योंकि शैक्षणिक संस्थान मनोरंजन केंद्रों या व्यापार मेलों की तुलना में अधिक आवश्यक हैं।'' 

Tanuja

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