किंग सलमान ने दिया क्राउन प्रिंस को बड़ा झटका

Thursday, Aug 30, 2018 - 11:15 AM (IST)

 रियादः पहली बार किंग सलमान ने अपने बेटे  क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन-सलमान को  झटका देने की चर्चा है। किंग सलमान द्वारा सऊदी की तेल कंपनी अरामको को पब्लिक लिस्टिंग में जाने से रोकने के फ़ैसले को किसी हैरानी से ज़्यादा तगड़ा झटके के तौर पर देखा जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट् के अनुसार इस फ़ैसले को  क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन-सलमान के फ़ैसले को किंग सलमान द्वारा पलटने के तौर पर देखा जा रहा है। 

रियाद में इसे लेकर आम सहमति नहीं थी। अरामको तेल कंपनी के पांच फ़ीसदी शेयर को बेचने की योजना थी।. इसे अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ कहा जा रहा था। अरामको का आईपीओ मोहम्मद बिन सलमान के विजन 2030 के उस प्रोग्राम का हिस्सा है, जिसके तहत वो सऊदी को तेल पर निर्भरता वाली अर्थव्यवस्था से बाहर निकालना चाहते हैं।
क्राउन प्रिंस चाहते हैं कि सऊदी निजी निवेश आधारित अर्थव्यवस्था बने। कहा जा रहा है कि अरमाको का आईपीओ नहीं आना क्राउन प्रिंस की प्रतिष्ठा पर गहरी चोट है।

दुनिया भर के मीडिया में ये बात कही जा रही है कि सलमान का यह फ़ैसला थोपने जैसा था। इस कंपनी के आईपीओ के साथ कई दिक़्क़तें जुड़ी हुई हैं। पब्लिक लिस्टिंग के लिए निगरानी और कई चीज़ें सार्वजनिक करने की ज़रूरत पड़ेगी. इसके साथ ही 9/11 के आतंकवादी हमले में सऊदी से फंडिंग के आरोप का मामला भी आईपीओ को लेकर तूल पकड़ सकता है। सऊदी अरामको शाही परिवार के लिए एक तेल कंपनी से ज़्यादा मायने रखती रही है।इस कंपनी की भूमिका शिक्षा, स्वास्थ्य और कंस्ट्रक्शन में बढ़-चढ़कर रही है।अरामको को पूरी दुनिया सऊदी अरब की बहुमूल्य ऊर्जा कंपनी के रूप में जानती है। 

सऊदी किंग अभी 82 साल के हैं और क्राउन प्रिंस सत्ता को अपने नियंत्रण में ले रहे हैं। क्राउन प्रिंस पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड के ज़रिए फंड जुटाने की कोशिश कर रहे हैं।कई रिपोर्ट में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के विजन 2030 पर भी सवाल उठ रहे हैं। फ़ाइनांशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार सऊदी को बजट संतुलन के लिए इस बात की ज़रूरत है कि कच्चे तेल की क़ीमत प्रति बैरल 70 डॉलर हो। क्राउन प्रिंस देश के उत्तरी हिस्से में 500 अरब डॉलर की एक नई सिटी बनाना चाहते हैं। 

Tanuja

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