संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा में पहली बार गूंजी सऊदी किंग की आवाज, खास मुद्दों पर की बात

Saturday, Sep 26, 2020 - 04:57 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः संयुक्‍त राष्‍ट्र के 75वें सत्र दौरान 22 सिंतबर को शुरू हुई आम महासभा की उच्‍चस्‍तरीय बैठक इस बार कई मायनों में खास है। संयुक्‍त राष्‍ट्र के इतिहास में यह पहला मौका है जब इस आम महासभा की बैठक वर्चुलअ तरीके से हो रही है। कोविड-19 की बदौलत दुनियाभर के राष्‍ट्राध्‍यक्ष अपने प्री रिकॉडेड वीडियो मैसेज के जरिए इस बार इस महासभा को संबोधित कर रहे हैं। इसके अहम होने की एक वजह सऊदी अरब के किंग सलमान बने हैं।

 

दरअसल, सलमान बिन अब्‍दुलअजीज अल साउद, वर्ष 2015 में अपने भाई नाएफ बिन अब्‍दुलअजीज के निधन के बाद शाह बने थे। इसके बावजूद उन्‍होंने कभी भी संयुक्‍त राष्‍ट्र की आम महासभा को संबोधित नहीं किया था। इस बार ऐसा पहली बार हुआ कि उन्‍होंने इस महासभा का वर्चुअल तरीके से संबोधित किया। उनके संबोधन के तीन बेहद खास बिंदु रहे। इसमें पहला था इस्‍लामिक देश और आतंकवाद, दूसरा था ईरान और तीसरा था इसराईल। बता दें कि शाह सलमान को कहीं न कहीं देश में हो रहे बड़े बदलावों के लिए भी जाना जाता है। महिलाओं को कई तरह के अधिकार दिए जाने के पीछे जितने क्राउन प्रिंस मोहम्‍मद बिन सलमान हैं उतने ही शाह भी हैं।

 

सलमान शाह बनने से पहले करीब 48 वर्षों तक रियाद के गवर्नर रहे। इसके अलावा वो देश के रक्षा मंत्री भी रह चुके हैं। वर्ष 2012 में उन्‍हें क्राउन प्रिंस घोषित किया गया था। शाह दो पवित्र मस्जिदों के कस्‍टोडियन भी हैं। महासभा को संबोधित करना अहम घटना संयुक्त राष्ट्र महासभा को पहली बार संबोधित करते हुए उन्‍होंने अपनी सरकार की बुनियादी नीतियों और सऊदी अरब की अहमियत पर जोर दिया। इसमें उन्‍होंने फिलिस्‍तीनियों को दिए गए अपने वायदे को भी दोहराया और खुद को इस्लाम के सबसे पवित्र धार्मिक स्थलों का संरक्षक बताया। अपने इस भाषण में शाह ने कहा कि इस्‍लामिक वर्ल्‍ड में सऊदी अरब की एक विशेष और ऐतिहासिक जिम्मेदारी बनती है कि हम अपने धर्म को उन आतंकी संगठनों से बचाकर रखें जो इसको बदनाम कर रहे हैं।

Tanuja

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