रूसी राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन में युद्ध समाप्ति पर वार्ता को तैयार, रखी ये शर्त

Saturday, Dec 03, 2022 - 05:56 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः यूक्रेन के साथ 8 माह से अधिक समय से  चल रहे लंबे युद्ध के बीच अब  रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कुछ नरम नजर आ रहे हैं। पुतिन ने यूक्रेन में युद्ध समाप्ति पर बात करने की गुजारिश तो मान ली है लेकिन इसके लिए वे पश्चिमी देशों से रूस की कुछ मांगें मनवाना चाहते हैं।  रूसी राष्ट्रपति के क्रेमलिन कार्यालय  के अनुसार समाचार एजेंसी एपी ने बताया कि रूस ने यूक्रेन से सेनाओं की वापसी की शर्त को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा है कि इस शर्त पर उसे वार्ता मंजूर नहीं है। रूस की यह प्रतिक्रिया अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा पुतिन से सीधी वार्ता की इच्छा जताने के बाद आई है।

 

बाइडेन ने पुतिन के साथ बातचीत की जताई थी इच्छा
बाइडेन ने कहा है कि यूक्रेन युद्ध की समाप्ति के लिए वह राष्ट्रपति पुतिन से वार्ता के लिए तैयार हैं। अमेरिका के दौरे पर गए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से वार्ता के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस में पुतिन के साथ बातचीत की इच्छा जताई थी। लेकिन यह भी कहा था कि वह बातचीत यूक्रेन में युद्ध समाप्ति के बाद ही संभव है जिसके लिए पुतिन फिलहाल तैयार नहीं लग रहे हैं। बाइडेन ने इससे पहले मार्च में पुतिन को कसाई कहा था और कहा था कि वह रूस की सत्ता में नहीं रहने चाहिए। अब जबकि यूक्रेन युद्ध के नौ महीने हो गए हैं और यूक्रेन सहित पूरा यूरोप जमा देने वाली ठंड की चपेट में है तब पश्चिमी देश रूस से बातचीत का रास्ता बना रहे हैं। मालूम हो कि रूसी सेना यूक्रेन के ऊर्जा संयंत्रों पर लगातार हमले कर रही है और रूस ने ज्यादातर यूरोपीय देशों की गैस आपूर्ति रोक या बहुत कम कर दी है। अमेरिका और अन्य पश्चिमी देश इन स्थितियों में यूक्रेन की सैन्य और आर्थिक मदद बढ़ा रहे हैं।

 

 जंग में मारे गए यूक्रेन के 13 हजार सैनिक  
शून्य डिग्री सेल्सियस से कम तापमान में पूर्वी यूक्रेन में भीषण युद्ध जारी है। यहां का रणनीतिक शहर बाखमुट रूसी सेनाओं के निशाने पर है। जबकि खेरसान और जपोरीजिया प्रांतों में रूसी सेना रक्षात्मक मुद्रा में है। वैसे दोनों प्रांतों के बड़े क्षेत्रों पर रूसी सेना कब्जा कर चुकी है। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय ने युद्ध में 13 हजार यूक्रेनी सैनिकों के जान गंवाने की बात कही है।

 

रूसी तेल का मूल्य 60 डालर करने पर सहमत हुआ यूरोपीय संघ
रूस को युद्ध के लिए धन न मिले और वह आर्थिक तंगहाली की ओर बढ़े, इसके लिए यूरोपीय संघ (ईयू) समुद्र के जरिये निर्यात होने वाले कच्चे तेल का मूल्य 60 डालर प्रति बैरल निर्धारित करने के प्रस्ताव पर सहमत हो गया है। अब ईयू के सामने इस प्रस्ताव को सभी सदस्य देशों द्वारा स्वीकृत कराने की चुनौती है, क्योंकि कई देश अभी भी रूस से पर्याप्त मात्र में गैस और तेल प्राप्त कर रहे हैं और वे रूस से संबंध बिगाड़ना नहीं चाहते।

Tanuja

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