War Update: आखिर "टूट गई" यूक्रेनी सेना ! करीब 1000 सैनिकों ने किया सरेंडर, मारियुपोल पर रूस की विजय

punjabkesari.in Thursday, May 19, 2022 - 11:11 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः  यूक्रेनी  सैनिक रूस की शक्तिशाली सेनाओं से 83 दिनों तक टक्कर लेने के बाद आखिर  टूट गए और मारियुपोल शहर पर रूसी सेना ने कब्जा कर लिया। इस शहर के स्टील प्लांट की सुरंगों में रहकर हमले कर रहे यूक्रेनी सैनिकों ने रूसी फौज के सामने सरेंडर कर दिया, जिसके बाद उन्हें हिरासत में लेकर रूसी सेना ने अपने ठिकाने पर भेज दिया है।  मारियुपोल की जीत के साथ ही रूस को अपने कब्जे वाले इलाके क्रीमिया को जमीनी मार्ग से जोड़ने का सुरक्षित ठिकाना भी मिल गया है।

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Live Updates: 

  • रूस ने बुधवार को दावा किया कि मारियुपोल के एक बड़े इस्पात संयंत्र में करीब 1,000 यूक्रेनी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया है। इसके साथ ही, यू्क्रेनी सैनिकों ने एक ऐसे स्थल की रक्षा करना छोड़ दिया, जो देश के प्रतिरोध का एक प्रतीक था।
  • इस घटनाक्रम के बाद बंदरगाह शहर मारियुपोल में लड़ाई खत्म हो गई प्रतीत हो रही है। इस बीच यूक्रेन में युद्ध अपराध के मामलों में सुनवाई का सामना कर रहे रूसी सैनिक ने एक आम नागरिक की हत्या करने का आरोप स्वीकार कर लिया और उसे कारावास की सजा हो सकती है।
  • चेक गणराज्य की सरकार ने फिनलैंड और स्वीडन के नाटो की सदस्यता के लिए अनुरोध प्रस्तुत किए जाने के कुछ ही घंटों बाद सर्वसम्मति से इसे मंजूरी दे दी। यूक्रेन ने अपने लड़ाकों को अपनी जान बचाने का आदेश दिया और कहा कि रूसी सैनिकों का मुकाबला करने का उनका मिशन अब पूरा हो गया है लेकिन संयंत्र से बाहर निकल रहे सैनिकों को आत्मसमर्पण करने के लिए नहीं कहा।
  • इसके चलते, यूक्रेनी सैनिकों का भविष्य अनिश्चित नजर आ रहा है। यूक्रेन का कहना है कि वह युद्ध बंदियों की अदला-बदल की उम्मीद कर रहा है जबकि रूस उनमें से कुछ पर युद्ध अपराध की कार्रवाई करने की सोच रहा।
  • हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि संयंत्र के अंदर कितने लड़ाके शेष रह गये हैं। वहीं, यूक्रेन का यह शहर काफी हद तक मलबे के ढेर में तब्दील हो गया है। रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि मारियुपोल शहर में यूक्रेन के कब्जे वाले आखिरी क्षेत्र में छुपे करीब एक हजार यूक्रेनी सैनिक वहां से चले गए हैं।
  • रूस के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता मेजर जनरल इगोर कोनशेनकोव ने बुधवार को कहा कि सोमवार से 959 यूक्रेनी सैनिक अजोवस्तल इस्पात संयंत्र को छोड़ कर चले गए हैं। रूसी समाचार एजेंसियों की खबरों के मुताबिक, रूस की संसद की योजना अजोव लड़ाकों की अदला-बदली रोकने के लिए बुधवार को एक प्रस्ताव लाने की है।
  • वहीं, यूक्रेन की उप रक्षा मंत्री हना मैलियर ने कहा कि लड़ाकों की रिहाई के लिए वार्ता जारी है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलदिमीर जेलेंस्की ने कहा, ‘‘सर्वाधिक प्रभावशाली अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थ इस कार्य में लगे हुए हैं।'' उल्लेखनीय है कि रूस ने यूक्रेन पर अपने आक्रमण की शुरूआत से मारियुपोल को निशाना बनाया है। 


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रूस के लिए बेहद अहम था मारियुपोल

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मारियुपोल शहर रूस के लिए कई मायनों में बेहद अहम था। दरअसल क्रीमिया में पीने के साफ पानी की कमी है। उसे यह पानी मारियुपोल  से गुजरने वाली नदी से मिलता था। लेकिन वर्ष 2014 में क्रीमिया पर रूसी कब्जे के बाद यूक्रेन ने इस नदी के पानी की नहर के रास्ते क्रीमिया जाने से रोक दिया था. जिसके बाद से वहां पर लगातार जलसंकट बना हुआ था। अब मारियुपोल पर कब्जे के साथ ही क्रीमिया में मीठे पानी की समस्या हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी। 
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 यूक्रेन स्टील प्लांट रूस के लिए बना हुआ था मुसीबत 
 मारियुपोल के जरिए ही यूक्रेन समुद्री व्यापार करता था और यहीं से उसकी नेवी ऑपरेट करती थी।. इस शहर पर संपूर्ण कब्जे से यूक्रेन के हाथों से समुद्री व्यापार और नेवी के संचालन का रास्ता लगभग बंद हो गया है। इन तीनों कारणों की वजह से रूसी  सेना पिछले 3 महीने से मारियुपोल पर ताबड़तोड़ हमला बोल रही थी।  भारी भरकम हथियारों और सैनिकों की अधिक तादाद के चलते रूसी फौजों ने शहर के बड़े हिस्से को जीत लिया था लेकिन शहर के बाहर करीब 11 किलोमीटर इलाके में फैला स्टील प्लांट उसके लिए मुसीबत बना हुआ था। 


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Content Writer

Tanuja

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