रूस ने दिखाई दुनिया को ताकत , इस तरह रोक दी बारिश (pics)

Thursday, May 11, 2017 - 12:22 PM (IST)

मॉस्कोः दूसरे विश्व युद्ध में जर्मनी की नाजी आर्मी पर जीत के 72 साल पूरे होने पर रूस में मंगलवार को ‘विक्ट्री डे’ मनाया गया। रूस की राजधानी मॉस्को के रेड स्क्वॉयर पर आधुनिक टैंक्स, विशालकाय न्यूक्लियर मिसाइल डिफेंस सिस्टम के साथ 10 हजार सैनिकों की परेड निकालकर दुनिया को अपनी ताकत दिखाई गई। मॉस्को में मंगलवार को तेज बारिश की चेतावनी दी गई थी। इसके लिए फाइटर जेट्स और कार्गो से केमिकल द्वारा घने बादलों को मॉस्को से दूर किया गया और परेड निकाली गई। हालांकि, केमिकल से बारिश तो रोक दी गई, लेकिन बादल इतने साफ नहीं किए जा सके कि धूप निकल सके। इसकी वजह से फाइटर जेट्स अपने करतब नहीं दिखा सके।

‘विक्ट्री डे’ सेलिब्रेशन के लिए मॉस्को में पिछले 15 दिनों से तैयारियां चल रही थीं। वहीं, रूस के मौसम विभाग ने मॉस्को में तेज बारिश की संभावना व्यक्त की थी। इससे पूरे कार्यक्रम पर पानी फिर सकता था।  इसी बात को ध्यान में रखते हुए एयरफोर्स के फाइटर जेट्स तैयार रखे गए थे, जिनमें केमिकल भरा था। इनसे घने बादलों के बीच जाकर केमिकल छिड़का गया, जिससे बादलों के झुंड ने अपनी दिशा बदल दी और बारिश रुक गई। बता दें कि 8 मई 1945 को रूस की आर्मी के सामने हिटलर की नाजी फौज घुटने टेक दिए थे। इसके साथ ही दूसरा विश्व युद्ध खत्म हो गया था।

इसी जीत की याद में रूस हर साल 9 मई को ‘विक्ट्री डे’ के रूप में मनाता है। बीते नवंबर महीने में रूस ने अपनी दुनिया की सबसे बड़ी न्यूक्लियर मिसाइल की फोटोज जारी की थीं। परेड के दौरान ऐसी दर्जनों मिसाइलें नजर आईं। इसके अलावा इस बार रोबोट टैंक भी परेड में शामिल किए गए, जिन्हें हाल ही में पोलैंड और यूक्रेन के बॉर्डर पर तैनात किया गया है। टैंक्स के अलावा तोर-एमटूडीटी और पंतसिर-एसए मिसाइलों ने भी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा। क्योंकि, इन मिसाइलों का निर्माण रूस ने हाल ही में किया है। इनकी तैनानी बर्फीले आर्कटिक में की गई हैं, जिससे नाटो देश रूस से डरे हुए हैं।  परेड में 10 हजार सैनिकों के साथ मिल्रिटी इक्विपमेंट की 114 यूनिट्स भी शामिल थीं, जिसके चलते यह रूस की अब तक की सबसे बड़ी आर्मी परेड थी। 
 

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