आसान नहीं है ट्रम्प का व्हाइट हाउस जाना

Tuesday, May 31, 2016 - 02:01 PM (IST)

नई दिल्ली: अमरीकी राष्ट्रपति के चुनाव के लिए रिपब्लिकन प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रम्प के सामने अब अमरीका के 45वें राष्ट्रपति बनने की चुनौती है। अभी तक वह रिपब्लिकन मतदाताओं के बीच अपनी पैठ के कारण प्रत्याशी बनने के लिए आवश्यक डेलीगेट जुटाने की कोशिश कर रहे थे और अपनी पार्टी के समर्थकों के बीच अपनी पैठ बना रहे थे लेकिन अब उन्हें 90 मिलियन अमरीकी मतदाताओं का सामना करना है। क्या इस बाधा को पार कर इस बार रियल एस्टेट करोबारी डोनाल्ड ट्रम्प अमरीका के 45वां राष्ट्रपति बन पाएंगे? 

18 राज्यों में लगातार डेमोक्रेटिक को वोट 
रिपब्लिकन पार्टी के सामने एक बड़ी चुनौती उन 18 राज्यों में हैं जहां के लोग 1992 के बाद से लोगों ने लगातार डेमोक्रेटिक पार्टी के पक्ष में मतदान किया है। इसके अलावा चार क्षेत्र फ्लोरिडा, द अपर साउथ इस्ट, द रस्ट बेल्ट और इंटिरियर वेस्ट में भी ट्रम्प को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जैसा कि कुछ राजनीतिक विश्लेषकों, चुनाव अधिकारियों और मतदाताओं के साथ बातचीत करके कुछ सर्वे में कहा गया है।

यहां बंटे हुए हैं मतदाता
राष्ट्रपति चुनाव में नॉर्थ कोरोलिना एक कठिन क्षेत्र साबित हो सकता है क्योंकि यहां के मतदाता बंटे हुए हैं। यहां पर न तो रिपब्लिकन और न हीं डेमोक्रेटिक पार्टी का आधार सबसे अधिक है बल्कि यहां के लोग कुछ दूसरी छोटी राजनीतिक दलों के साथ ज्यादा जुड़े हुए हैं। यहां पर न तो ट्रम्प के कठोर राष्ट्रवादी छवि को बहुत पसंद किया जा रहा है और न हीं घोटाले के आरोपों के साथ राष्ट्रपति चुनाव में आने वाली हिलेरी क्लिंटन के साथ यहां के लोगों की बहुत सहानुभूति है। 

अच्छी रही ट्रम्प और क्लिंटन की शुरुआत
रिपब्लिकन पार्टी के रणनीतिकार कार्टर वरेन कहते हैं कि यहां के लोग न तो दोनों पार्टियों को पसंद करते हैं और न हीं दोनो प्रत्याशी उन्हें पसंद हैं। इसलिए अब यह देखना है कि चुनाव के दिन यहां के मतदाता किसे सबसे कम नापसंद करते हैं। अभी तक का पोल बताता है कि ट्रम्प और क्लिंटन दोनों की शुरुआत अच्छी रही है। डेमोक्रेट्स का विश्वास है कि ट्रम्प की शुरुआत कम फायदे के साथ हुई है, जबकि रिपब्लिकन ऐसा ही क्लिंटन के बारे में सोचते हैं। 

ये है असली चुनौती
अब असली चुनौती का सामना करने के लिए ट्रम्प को कुछ राज्यों में अधिक मेहनत कर डेमोक्रेट वोटर को अपनी ओर करना होगा, तो कुछ जगहों पर उन्हें अपना आधार बनाना होगा। 

- फ्लोरिडा में होगी कठिनाई तो विस्कोंसिन में जीत की अधिक उम्मीद
- ओहियो में बरान ने पिछली बार 2 परसेंटेज प्वाइंट  से जीत दर्ज की थी, जहां ट्रम्प के लिए बनी है उम्मीद 
- मिशिगन में है डेमोक्रेटिक पार्टी का आधार, ट्रम्प के लिए कठिनाई
- पेंसिलवेनिया को जीतना, ट्रम्प के लिए जरूरी है। यहां भी डेमोक्रेट का रहा है दबदबा 
- लुजर्ने में करीब पांच हजार डेमोक्रेट ने रिपब्लिकन पार्टी की सदस्यता ली है

नॉर्थ कोलोरिना और वर्जीनिया पर ट्रम्प की नजर 
कोलरैडो, नेवाडा और फ्लोरिडा में डेमोक्रेटिक पार्टी को समर्थन मिलता रहा है, इसलिए ट्रम्प को नॉर्थ कोरोलिना और वर्जीनिया के मिला-जुला 28 इलेक्टोरल वोट हासिल करना होगा। लेकिन, यहां उन्हें कठिन मेहनत करना होगा क्योंकि बराक ओबामा ने वर्जीनिया में 2008 में 6 परसेंटेज प्वाइंट और 2012 में 4 परसेंटेज प्वाइंट से जीत दर्ज की थी, हालांकि  नॉर्थ कोलोरिना में ओबामा ने 2008 में केवल एक प्रतशित से जीत दर्ज की थी और 2012 में ओबामा यहां 2 परसेंटेज प्वाइंट से हार गए थे। 

Advertising