पाक में आतंकवाद सफाए के सरकारी दावों पर खून के छींटे

Monday, Jul 16, 2018 - 10:56 AM (IST)

पेशावरः पाकिस्तान में  25 जुलाई को होने  वाले आम चुनाव से पहले आतंकवादी हमले बढञते जा रहे हैं व अब तक इन हमलों में  करीब 150 लोग मारे जा चुके हैं। निर्दोष लोगों की मौत पर इस्लामाबाद में शोक दिवस मनाया जा रहा है। पाक मीडिया में बढ़ती आंतकी घटनाओं को लेकर गुस्सा बढ़ता डजा रहा  है। देश के शीर्ष अखबारों ने सेना और सरकार के उस दावे पर भी सवालिया निशान लगाया है, जिसमें आतंकवाद को कुचल डालने की बात कही जा रही थी। चुनावों के ऐलान के बाद से ही देशभर में कई जगह आतंकी वारदातों को अंजाम दिया जा चुका है। अशांत प्रांतों- बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में चुनावी रैलियों में एक सप्ताह के भीतर एक के बाद एक तीन हमले हुए जिनमें दो बड़े नेताओं सहित 150 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी जबकि कई घायल हुए हैं। इससे 25 जुलाई के मतदान में बाधा पहुंचने की आशंका जताई जा रही है। 

इन हमलों पर एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने अपने संपादकीय में लिखा, 'पाकिस्तान में आतंकवादी ताकतों के सफाए के सरकार के दावे में खून के छींटे हैं। बताया गया है कि पुलिस, अर्धसैनिक बलों और सेना के निरंतर प्रयास से तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान जैसे संगठन के कदम पीछे हट गए हैं, लेकिन इतने नहीं हटे कि वे फिर से घातक हमला नहीं कर पाए।' संपादकीय के मुताबिक, चुनाव प्रचार जोरों पर है और ऐसे में जब इन संगठनों से मुकाबला करने की बात सामने आती है तो सरकार के दावे पर सवाल खड़े होते हैं। उधर, डॉन अखबार ने अपने संपादकीय में लिखा है कि आतंकवादी हमलों में आकस्मिक वृद्धि के कारण सरकार सुरक्षा की मांग करनेवाले सभी उम्मीदवारों को बिना देरी सुरक्षा दे और तत्काल जरूरी उपाय करे। बिना किसी चेतावनी के हुए इन हमलों से खुफिया तंत्र में चूक का संकेत मिलता है। 

द न्यूज ने अपने संपादकीय में लिखा है कि मृतकों की संख्या बढ़ती जा रही है। सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उसने खतरे में चल रहे लोगों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने तथा चुनाव की गरिमा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम क्यों नहीं उठाया। संपादकीय के मुताबिक, 'भले ही हमें लगातार बताया जा रहा है कि आतंकवाद की रीढ़ तोड़ दी गई है, लेकिन इतने कम वक्त में इतने ज्यादा हमले बताते हैं कि सच्चाई इससे कोसों दूर है।' पाकिस्तान के शीर्ष आतंकवाद रोधी निकाय ने चेतावनी दी है कि सभी बड़े राजनीतिक दलों के नेताओं को गंभीर सुरक्षा खतरा है और उन्हें निशाना बनाने के लिए आत्मघाती हमलावरों का इस्तेमाल किया जा सकता है।

राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक प्राधिकरण के प्रमुख सुलेमान अहमद ने आगाह किया है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान सहित कुछ शीर्ष नेताओं पर आम चुनावों के प्रचार के दौरान हमला किया जा सकता है। आतंकी हमलों को देखते हुए खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में नेताओं की सुरक्षा के लिए संयुक्त संकट प्रबंधन इकाई (जेसीएमयू) का गठन किया गया है। पाकिस्तान में चुनावी रैलियों को निशाना बनाकर किए जा रहे घातक हमलों के बाद शनिवार को यहां सुरक्षा समन्वय की बैठक के दौरान जेसीएमयू का गठन करने का निर्णय लिया गया।

Tanuja

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