आडिट रिपोर्ट में खुली इमरान सरकार की पोल, कोविड दौरान गरीबों को बांटे गए खराब खाद्य पदार्थ
Wednesday, Dec 01, 2021 - 01:18 PM (IST)
इस्लामाबादः पाकिस्तान में कई मुद्दों पर विपक्ष के हमलों का सामना कर रही इमरान सरकार अब एक ओर शर्मनाक मुद्दे पर विवादों में घिर गई है। पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय द्वारा जारी एक आडिट रिपोर्ट में इमरान सरकार की नई करतूत सामने आई है। रिपोर्ट में कहा है कि कोविड-19 महामारी के दौरान गरीबों को जो खाद्य पदार्थों की डिलीवरी की गई उसकी क्वालिटी बेहद खराब थी। इसमें वित्तीय अनियमितता बरते जाने की भी बात सामने आई है।
इस आडिट रिपोर्ट ने इमरान खान सरकार की मुश्किलों को और बढ़ाने के अलावा विपक्ष को भी बैठे बिठाए एक मुद्दा दे दिया है। दरअसल इस आडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी में देशवासियों को राहत योजनाओं में जबरदस्त वित्तीय अनियमितता बरते जाने का खुलासा हुआ है। इसमें कहा गया है कि इस दौरान जो खाना दिया गया और जो इस पर खर्च किया गया वो सही तरीके से नहीं किया गया। डान न्यूज पेपर की खबर के मुताबिक इस रिपोर्ट को पाकिस्तान सरकार के वित्त मंत्रालय ने जारी किया है।
इस रिपोर्ट में यहां तक बताया गया है कि कोविड-19 महामारी के दौरान कहां-कहां गड़बड़ी हुई है। इसमें कहा गया है कि सरकार ने चीनी, गेंहू का आटा, तेल, घी, दाल और चावल को सब्सीडाइज रेट पर यूटिलिटी स्टोर को उपलब्ध करवाया था, जिसमें ये वित्तीय गड़बड़ी सामने आई है। इतना ही नहीं इस रिपोर्ट में यहां तक कहा गया है कि इस दौरान स्टोर कारपोरेशन आफ पाकिस्तान की तरफ से जो खाने की चीजें गरीब लोगों को मुहैया करवाई गईं उनकी गुणवत्ता बेहद खराब थी और वो इंसानों के खाने लायक नहीं थीं।
गौरतलब है कि देश में खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता के लिए स्टोर कारपोरेशन जिम्मेदार है। इसके जरिए ही गरीब लोगों को बाजार भाव से सस्ती दर पर खाद्य पदार्थ मुहैया करवाए जाते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी, घी और और आटे की खरीद में करीब 5.24 बिलियन रुपये से अधिक की वित्तीय अनियमितता बरती गई। बता दें कि इमरान सरकार ने वर्ष 2020 में ही कोविड-19 महामारी के दौरान बढ़ती महंगाई के मद्देनजर गरीबों के लिए सहायता पैकेज की घोषणा की थी। इसके लिए सरकार ने करीब 10 बिलियन रुपये यूएससी को रिलीज किए थे। ये राशि गरीबों को सस्ती दर पर अनाज उपलब्ध कराने के मकसद से जारी की गई थी।