नेपाल में Gen Z ने 48 घंटे में पलट दी सत्ता! रैपर Balen को PM बनाना चाह रहे युवा, जानें क्यों बालेन शाह बने प्रदर्शकारियों की पहली पसंद
punjabkesari.in Tuesday, Sep 09, 2025 - 06:43 PM (IST)

Kathmandu: नेपाल की राजनीति में ऐसा तूफान उठा है जिसने सिर्फ 48 घंटे में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार को पलट दिया। सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ Gen Z के नेतृत्व में शुरू हुआ यह आंदोलन अब देश की सत्ता बदल चुका है। भारी हिंसा, आगजनी और मंत्रियों के सामूहिक इस्तीफों के बीच आखिरकार मंगलवार को प्रधानमंत्री ओली ने भी पद छोड़ दिया।
इस्तीफे तक कैसे पहुंची स्थिति?
- शुरुआत में सरकार ने साफ कहा था कि ओली इस्तीफा नहीं देंगे।
- सोमवार को सबसे पहले गृह मंत्री ने कैबिनेट बैठक के दौरान इस्तीफा दिया।
- मंगलवार को कई और मंत्री भी पद छोड़ गए।
- राजधानी काठमांडू में राष्ट्रपति भवन से लेकर ओली के आवास तक प्रदर्शनकारियों ने आगजनी और तोड़फोड़ की।
- पुलिस और सेना भी प्रदर्शनकारियों को रोकने में नाकाम रही।
- आखिरकार भारी दबाव के आगे ओली को भी झुकना पड़ा और उन्होंने इस्तीफे की घोषणा कर दी।
सड़कों पर युवाओं ने मनाया जश्न
ओली के इस्तीफे की खबर आते ही सड़कों पर मौजूद हजारों प्रदर्शनकारी झूम उठे। एक प्रदर्शनकारी ने कहा- “यह नेपाल के लिए नई शुरुआत है, अब युवा खुद देश को आगे बढ़ाएंगे।”
नेपाल की सत्ता कौन संभालेगा?
ओली के इस्तीफे के बाद सबसे बड़ा सवाल है नेपाल की सत्ता कौन संभालेगा?क्या अंतरिम सरकार बनेगी?क्या सेना सत्ता अपने हाथ में लेगी?या फिर युवाओं की मांग के अनुसार बालेन शाह को नेतृत्व सौंपा जाएगा? सोशल मीडिया पर बालेन शाह के समर्थन में पोस्ट्स की बाढ़ आ गई है। युवा लिख रहे हैं – “प्रिय बालेन, अभी नहीं तो फिर कभी नहीं।”
कौन हैं बालेन शाह?
- पूरा नाम: बालेंद्र शाह Balendra Shah (बालेन शाह के नाम से मशहूर)
- पेशा: सिविल इंजीनियर, रैपर और वर्तमान में काठमांडू के 15वें मेयर
- राजनीतिक सफर: 2022 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीतकर इतिहास रचा
- छवि: भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस, युवाओं के बीच ईमानदार और बेदाग नेता की पहचान
- काम: कचरा प्रबंधन, ट्रैफिक सुधार, अवैध निर्माण पर कार्रवाई, सरकारी स्कूलों की निगरानी
- स्टाइल: गैर-परंपरागत नेता – लाइव मीटिंग्स, भ्रष्ट अफसरों को सीधी चुनौती, और जनता से सीधा संवाद
बालेन का बयान
हाल ही में बालेन ने Gen Z के प्रदर्शनों का खुलकर समर्थन किया। उन्होंने लिखा था कि आयु सीमा (28 वर्ष से कम) के कारण वे शामिल नहीं हो सकते, लेकिन उनकी पूरी सहानुभूति प्रदर्शनकारियों के साथ है। साथ ही उन्होंने राजनीतिक दलों से अपील की थी कि इस आंदोलन का दुरुपयोग न करें। अब पूरा नेपाल इस सवाल का इंतजार कर रहा है कि क्या बालेन शाह नेपाल के अंतरिम प्रधानमंत्री बनेंगे और युवाओं की उम्मीदों को नई दिशा देंगे?