उइगर मुसलमानों से दुर्व्यवहार पर कतर ने चीन के समर्थन से खींचे हाथ

Wednesday, Aug 21, 2019 - 04:26 PM (IST)

बीजिंग/दुबईः चीन में 10 लाख से अधिक उइगर मुस्लिम बंधक बना कर रखने के मामले में चीन के समर्थन में दर्जनों देशों द्वारा हस्ताक्षरित एक पत्र से कतर ने अपना हस्ताक्षर वापस ले लिया है । पत्राचार की एक प्रति के अनुसार कतर ने संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार परिषद के अध्यक्ष कोली सेक को 12 जुलाई के पत्र, जिस पर ज्यादातर बहुसंख्यक मुस्लिम राष्ट्रों ने हस्ताक्षर किए थे, से अपने हस्ताक्षर वापस लेने के अपने फैसले की जानकारी दी।

इन देशों का मिला था समर्थन
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र में शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों को सामूहिक रूप से हिरासत में रखने की खबरों पर 22 राष्ट्रों के दूतों ने चीन की बेहद ही तीखी आलोचना की थी। हालांकि मुसलमानों को कैद में रखे जाने के बावजूद पाकिस्तान, सीरिया, ओमान, कतर, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात, उत्तर कोरिया, सऊदी अरब और रूस के साथ ही 34 अन्य देशों ने संयुक्त राष्ट्र में चीन की कार्रवाई का समर्थन किया था।  18 जुलाई को जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र में कतर के स्थायी प्रतिनिधि एंबेसडर अली अल-मंसूरी ने कहा था, "हमारा मानना ​​है कि परोक्त पत्र को सह-अधिकृत करना हमारी विदेश नीति की प्राथमिकताओं से एक है ।" "इस संबंध में, हम एक तटस्थ रुख बनाए रखना चाहते हैं और हम अपनी मध्यस्थता और सुविधा सेवाओं की पेशकश करते हैं।" 12 जुलाई के पत्र में चीन के समर्थन में उनके हस्ताक्षर भी दिखाई दिए थे।

यूरोपीय संघ व कई पश्चिमी देश भी चीन के खिलाफ
इस मामले में कुछ ही दिनों पहले यूरोपीय संघ के अलावा ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जापान और कनाडा के राजदूतों ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बेचलेट को युक्त रूप से एक पत्र लिखा था। इस पत्र में इन देशों के राजदूतों ने चीन से अपने खुद के कानूनों और अंतरराष्ट्रीय दायित्वों को बरकरार रखने तथा उइगर एवं अन्य मुस्लिमों और अल्पसंख्यक समुदायों को मनमाने ढंग से नजरबंद करना रोकने की मांग की थी। साथ ही इन्होंने चीन ने मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यकों को धार्मिक स्वतंत्रता की इजाजत देने को कहा था।

कई बार उठ चुकी चीन की ज्यादती रोकने की मांग
उइगर मुसलमानो पर चीन की ज्यादती रोकने की मांग कई बार उठ चुकी है । एक तरफ जहां कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और जापान जैसे देशों ने शिनजियांग क्षेत्र में मुस्लिमों को मनमाने ढंग से सामूहिक हिरासत में लेने और संबंधित मानवाधिकार उल्लंघनों को खत्म करने की अपील की थी, तो दूसरी तरफ पाकिस्तान और सऊदी अरब जैसे देशों ने चीन का समर्थन करते रहे हैं।

ये है मामला
गौरतलब है कि चीन के अशांत शिनजियांग प्रांत में लाखों उइगर मुसलमानों को कथित ‘व्यावसायिक प्रशिक्षण शिविरों’ में बंधक बना कर रखा गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन प्रशिक्षण शिविरों में मुख्यत: उइगर मुसलमानों को नजरबंद करके रखा जाता है । चीन पर आरोप है कि वह शिनजियांग में नजरबंदी शिविरों में  उइगर मुसलमानों को कथित तौर पर हिरासत में रखकर उनपर अत्याचार करता है। इन नजरबंदी शिविरों में बंद उइगर मुसलमानों को अपने कई धार्मिक क्रिय-कलाप करने की इजाजत नहीं होती है। अंतरराष्ट्रीय आलोचनाओं के बाद चीन ने इनका बचाव करते हुए कहा कि प्रशिक्षण शिविरों ने अशांत प्रांत में धार्मिक कट्टरपंथ का ‘प्रभावी खात्मा’ किया है। संयुक्त राष्ट्र में अपनी सफाई में चीन ने कहा, उइगर मुसलमानों को उनके भले के लिए ‘नजरबंद’ किया है । बता दें कि चीन शिनजियांग में उइगरों को सामूहिक रूप से नजरबंद करने की लगातार आ रही खबरों को लेकर पश्चिमी देशों से तीखी आलोचनाओं का सामना कर रहा है।

Tanuja

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