कतर में 3 दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा

Monday, Oct 24, 2016 - 02:44 PM (IST)

दोहा: महल में तख्तापलट में अपदस्थ किए गए कतर के पूर्व अमीर खलीफा बिन हमद अल थानी का रविवार (23 अक्टूबर) को निधन हो गया। वह 84 वर्ष के थे। देश ने उनके निधन के बाद तीन दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है।शाही महल के एक आधिकारिक बयान के अनुसार, मौजूदा अमीर तमीम बिन हमद अल थानी के दादा एवं पूर्व शासक का रविवार को निधन हो गया। वर्ष 1972 से लेकर 1995 तक उनके शासन में आधुनिक कतर एक ऊर्जा समृद्ध देश बना। गैस एवं ऊर्जा निर्यात से मिले धन ने इस छोटे से खाड़ी देश की सूरत ही बदल दी।

आधिकारिक बयान में कहा गया,‘शेख खलीफा बिन हमद अल थानी का रविवार शाम 23 अक्तूबर 2016 को 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया। बयान में कहा गया है,‘शेख तमीम बिन हमद अल थानी ने देश में 3 दिवसीय शोक मनाए जाने का आदेश दिया है।’ इस बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी गई कि उनका निधन किस कारण से हुआ।कतर के लिए ऑस्ट्रेलिया के राजदूत एक्सेल वाबेनहोर्स्ट ने ट्वीट के जरिए ‘शाही परिवार एवं सभी कतर वासियों’ के प्रति संवेदना व्यक्त की। वह उन अधिकारियों में शामिल हैं जिन्होंने यह सूचना मिलने के बाद दोहा में सबसे पहले प्रतिक्रिया दी।

कई कतरवासियों ने भी सोशल मीडिया के जरिए अपनी संवेदनाएं प्रकट कीं। खलीफा को उनके पुत्र हमद बिन खलीफा अल थानी ने उस समय एक रक्तहीन तख्तापलट में अपदस्थ कर दिया था जब वह स्विट्जरलैंड में छुट्टियां मना रहे थे। कतर के वर्ष 1971 में ब्रिटेन के आजाद होने के बाद वह देश के उन पहले शासकों में शामिल थे जिन्होंने अपने रिश्ते के भाई से सत्ता हासिल की थी। उन्हें गल्फ को ऑपरेशन काउंसिल का संस्थापक भी माना जाता है।

गल्फ को ऑपरेशन काउंसिल एक राजनीतिक एवं आर्थिक संघ है और क्षेत्र के छह देश इसके सदस्य हैं। कतर का अमीर बनने से पहले उन्होंने देश के प्रधानमंत्री,वित्त मंत्री एवं शिक्षा मंत्री के रूप में सेवाएं दीं। सत्ता से हटाए जाने के बाद पूर्व अमीर फ्रांस में रहे और वह वर्ष 2004 में कतर लौटे। उनकी चार पत्नियां, पांच पुत्र एवं 10 पुत्रियां थीं।

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