रूस के ‘जार’ बने पुतिन, चौथी बार ली राष्ट्रपति के तौर पर शपथ

Monday, May 07, 2018 - 04:49 PM (IST)

मॉ्स्कोः व्लादिमी  पुतिन ने आज चौथी बार रूसी राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। मार्च में हुए चुनाव में पुतिन ने 77% वोट हासिल किए थे। पुतिन अब रूस में जोसेफ स्टालिन के बाद सबसे ज्यादा सत्ता में काबिज रहने वाले नेता बन चुके हैं। अलेक्सी नवाल्नी ने उन्हें चुनावों के दौरान चुनौती पेश की थी लेकिन उन्हें वोट डालने से ही रोक दिया गया था । जिसके बाद नवाल्नी के समर्थकों ने उन्हें चुनाव से बाहर करने का आरोप लगाया था।पुतिन के विरोधी उनके इस कार्यकाल को ज़ार(सम्राट) के रूप में देख रहे हैं। 

 पुतिन 2000, 2004 और 2012 में राष्ट्रपति चुने गए थे। वहीं 2008-12 तक पुतिन प्रधानमंत्री चुने गए थे। पुतिन, रूस (तब सोवियत संघ रहे) के तानाशाह रहे जोसेफ स्टालिन के बाद सबसे लंबे वक्त तक शासन करने वाले लीडर बन चुके हैं। स्टालिन 1922 से 1952 तक 30 साल सत्ता में रहे थे। पुतिन साल 2000 से सत्ता में हैं। अब वह और 6 साल तक यानी 2024 तक देश के राष्ट्रपति पर पर काबिज रहेंगे। वह कुल 24 साल सत्ता में बने रहेंगे।

व्लादिमीर के शपथ लेने से पहले ही रूस में उनका विरोध शुरू हो चुका है।  रूस के मास्को और सेंट पीटर्सबर्ग समेत बीस शहरों में शनिवार को उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए। उनके विरोधी नेता और भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम चला रहे अलेक्सी नवाल्नी समेत 1600 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया। सिर्फ मास्को में 500 से ज्यादा गिरफ्तारियां हुई हैं।हजारों लोगों ने पुतिन के खिलाफ मॉस्को के पुश्किन स्क्वेयर पर प्रदर्शन किया।

लोग पुतिन के फिर से राष्ट्रपति के पद पर काबिज होने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों की अगुआई एंटी-करप्शन कैंपेनर और पुतिन के विरोधी रहे अलेक्सी नवाल्नी ने की। प्रदर्शनकारियों ने पुतिन विरोधी नारे लगाते हुए कहा कि वह रूस के लोगों की उम्मीदों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। उन्हें गद्दी छोड़ देनी चाहिए। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पुतिन उनके जार नहीं हैं। इससे पहले मई 2012 में भी पुतिन के तीसरे कार्यकाल के वक्त भी हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया था। पुतिन पर लगातार विपक्ष के दमन का आरोप लगता रहा है। 

Tanuja

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