पाकिस्तान ने तालिबानी धरती पर जन्मे ''अहिंसा का पुजारी'' की ली जान, जर्मनी से लेकर अफगान तक हो रहे धरने-प्रदर्शन

punjabkesari.in Monday, Jul 22, 2024 - 03:51 PM (IST)

Islamabad: पिछले दिनों पाकिस्तान (Pakistan) की राजधानी इस्लामाबाद (Islamabad) में पश्तून तहफ्फुज मूवमेंट- पीटीएम (Pashtun Protection Movement-PTM) के वरिष्ठ सदस्य और प्रसिद्ध कवि गिलामन वजीर Gilaman Wazir (29) की एक हमले में हत्या के बाद दुनिया भर में बवाल मचा हुआ है।  तालिबानी धरती पर जन्मे 'अहिंसा का पुजारी' वजीर पर  पाकिस्तान में 7 जुलाई को हमला किया गया और गिलामन पर कई बार चाकू से वार किए गए।  गंभीर रूप से घायल इस कवि को पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज -पीआईएमएस में भर्ती कराया गया था जहां तीन दिन   बाद उनकी मौत हो गई।

 

नौजवान कवि गिलामन वजीर की कविताएं शांति का संदेश लिए होती थीं. उनके निधन पर अफगान ही नहीं पूरी दुनिया के लाखों लोग शोक में डूबे हैं। पश्तून तहफ्फुज मूवमेंट के संस्थापक नेता मंजूर पश्तीन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “मेरा सबसे करीबी, प्यारा और वफादार दोस्त, आजादी और अफगानवाद का मजबूत सिपाही, पश्तून अफगान लोगों के सच्चे प्रवक्ता ने हमेशा दमनकारी और उत्पीड़न के खिलाफ हमेशा आवाज उठाई।” गिलामन वजीर की मौत पर दुनियाभर में धरने-प्रदर्शन हो रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी कोल्ड वॉर छिड़ा हुआ है।

 

वजीर की मौत पर जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में हजारों लोग सड़क पर उतर आए। हाथों में तख्ती और ‘हमें न्याय चाहिए’ के नारों के साथ हजारों पश्तूनों ने पाकिस्तान में गिलामन वजीर हत्या की निंदा करते हुए मार्च निकाला।ट्विटर पर Mirwais नाम से एक यूजर वजीर की मां की तस्वीर को शेयर करते हुए लिखते हैं- “बहुत से लोगों ने गिलामन वजीर की मां की तस्वीर साझा की, जो अपने बेटे के ताबूत पर बहादुरी से मुस्कुरा रही है. लेकिन ये तस्वीर मेरा दिल तोड़ देती है. किसी भी मां को इतना दर्द न सहना पड़े और इतना मजबूत न होना पड़े. हिंसा ने पश्तून भूमि में पीढ़ियों के जीवन और सपनों को नष्ट कर दिया है।”


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Content Writer

Tanuja

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