जनरल राहिल के खिलाफ सरकार से टकराने को तैयार इमरान

Monday, Mar 27, 2017 - 05:15 PM (IST)

इस्लामाबादः इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी ने देश के पूर्व आर्मी चीफ जनरल राहिल शरीफ को 39 मुस्लिम देशों की गठबंधन वाली सेना का प्रमुख बनाए जाने का विरोध किया है। इमरान का कहना है कि पार्टी इस फैसले के खिलाफ नैशनल असेंबली में एक प्रस्ताव लाएगी। उनका कहना है कि इस फैसले से पाकिस्तान के संबंध इस क्षेत्र में खराब होंगे। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ द्वारा राहिल शरीफ को इस पद के लिए नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट या हरी झंडी दिए जाने से खफा इमरान ने साफ कर दिया कि वह इस मुद्दे पर सरकार का पुरजोर विरोध करेंगे।

 पाकिस्तान के एक अंग्रेजी अखबार ने लिखा है कि इस मसले पर की गई एक प्रैस कांफ्रेंस में इमरान ने कहा कि सऊदी अरब हमेशा से ईरान का विरोधी रहा है। ऐसे में यदि पाकिस्तान का पूर्व सैन्य अधिकारी इस गठबंधन वाली सेना की कमान संभालता है तो इसका सीधा संदेश जाएगा कि पाकिस्तान भी ईरान के खिलाफ खड़ा है। उन्होंने बताया कि वह इस मुद्दे पर विशेषाधिकार प्रस्ताव लाने के बारे में भी सोच रहे हैं, ताकि इस फैसले पर विस्तृत चर्चा हो सके। पार्टी का आरोप है कि इस फैसले को लेने से पहले नैशनल असेंबली के सदस्यों से कोई राय नहीं ली गई। 

गौरतलब है कि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि 39 मुस्लिम देशों की गठबंधन सेना के मुखिया के तौर पर पाकिस्तान के रिटायर्ड जनरल राहिल शरीफ की नियुक्ति को हरी झंडी दे दी गई है। इस पर अब सरकार को कोई एतराज नहीं है। उन्होंने बताया कि यह सरकार आतंकवाद समेत कई अन्य समस्याओं के खिलाफ एकजुट होकर लड़ेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि गठबंधन सेना राहिल शरीफ के नेतृत्व में अपनी कार्यकुशलता में इजाफा करेगी।

हालांकि उन्होंने कहा कि अभी इस संबंध में सरकार को सऊदी अरब से आधिकारिक तौर पर आने वाले प्रस्ताव का इंतजार है। इस मसले पर पार्टी की राय देते हुए  मीडिया प्रवक्ता ने कहा कि नेशनल असेंबली में सभी सांसदों ने एकमत से सऊदी और इरान के बीच होने वाले किसी भी विवाद में न पड़ने और न्यूट्रल बने रहने का फैसला किया था। सरकार द्वारा लिए गए इस ताजा फैसले से पाकिस्तान की छवि को धक्का लगेगा। पार्टी ने कहा कि यह सब होने के बाद भी सरकार ने इस तरह का फैसला कैसे लिया।  जबकि पाकिस्तान के एक चैनल ने कहा कि एनओसी देने से संबंधित दस्तावेजी कामकाज अभी नहीं हुआ है लेकिन सरकार इजाजत देने पर सैद्धांतिक रूप से राजी हो गई है।

सऊदी अरब के नेतृत्व ने एक पत्र लिखकर पाकिस्तान से रहील को इस गठबंधन की अगुवाई करने देने का अनुरोध किया था। आसिफ ने कहा कि वह इस साल की शुरुआत में उमरा के लिए सऊदी अरब गए थे और उन्होंने सउदी अरब के अधिकारियों से भी भेंट की थी। उन्होंने बताया कि मई में सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों का सलाहकार बोर्ड इस मुद्दे पर एक बैठक करेगा, वैसे गठबंधन का ढांचा अब तक तय नहीं हुआ। रक्षा मंत्री ने कहा कि जब जनरल रहील शरीफ जुड़ेंगे तब वह ढांचा तय करेंगे।
 


 

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