सभी की धार्मिक स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए भारत को प्रोत्साहित करते रहेंगे : अमेरिका

Wednesday, Dec 07, 2022 - 01:16 PM (IST)

वाशिंगटन, सात दिसंबर (भाषा) अमेरिका ने मंगलवार को कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत कई धर्मों के लोगों का घर है और वह सभी की धार्मिक स्वतंत्रता सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता पर कायम रहने के लिए भारत को प्रोत्साहित करता रहेगा। अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर विदेश विभाग की वार्षिक रिपोर्ट में सामने आई "कुछ चिंताओं" का जिक्र करते हुए अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह भी कहा कि वे सभी देशों में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति पर करीब से नजर रखना जारी रखेंगे और इसमें भारत भी शामिल है।

अमेरिका ने धार्मिक स्वतंत्रता की वर्तमान स्थिति के लिए चीन, पाकिस्तान और म्यांमा सहित 12 देशों को ‘‘विशेष चिंताजनक देश’’ घोषित किया है।

अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने शुक्रवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा था कि दुनिया भर में सरकारें और गैर-सरकारी ताकतें लोगों को उनके धर्म के आधार पर परेशान करती हैं, धमकाती हैं, जेल भेजती हैं और यहां तक कि कई बार उनकी हत्या भी की जाती है।

भारत को इस सूची में शामिल नहीं करने के सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और कई धर्मों के लोगों का घर है।

प्राइस ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा, ‘‘ यकीनन भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। वहां कई धर्मों के लोग एकसाथ रहते हैं। अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर हमारी वार्षिक रिपोर्ट में सामने आई कुछ चिंताओं पर हमने भारत के संदर्भ में संज्ञान लिया। हम सभी देशों में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति पर करीब से नजर रखना जारी रखेंगे और इसमें भारत भी शामिल है।’’ उन्होंने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन का प्रशासन भारत सरकार को सभी की धार्मिक स्वतंत्रता सुनिश्चित करने की उसकी प्रतिबद्धताओं पर कायम रहने के लिए प्रोत्साहित करता रहेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘ हम धार्मिक स्वतंत्रता कायम रखने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के लिए नियमित रूप से अधिकारियों के संपर्क में रहेंगे। दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्र (अमेरिका और भारत) के तौर पर हम एक ठोस परियोजना के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’ प्राइस ने कहा कि यह वही परियोजना है जिसका जिक्र पहले विदेश मंत्री ब्लिंकन ने किया था। इस परियोजना को, जैसी कि हमारे संस्थापकों की परिकल्पना थी, एक परिपूर्ण साझेदारी की जरूरत है। यह दोनों देशों की परियोजना है।

गौरतलब है कि भारत ने इससे पहले विदेशी सरकारों और मानवाधिकार समूहों द्वारा देश में नागरिक स्वतंत्रता के धीरे-धीरे कम होने के आरोपों को खारिज कर दिया था।

भारत सरकार ने जोर देकर कहा है कि भारत में सभी के अधिकारों की रक्षा के लिए अच्छी तरह से स्थापित लोकतांत्रिक प्रथाएं व मजबूत संस्थाएं हैं। भारत कहता रहा है कि भारतीय संविधान मानवाधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न कानूनों के तहत पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करता है।

अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय की 2021 की रिपोर्ट में, भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमलों की घटनाओं का उल्लेख किया गया है।



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PTI News Agency

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