संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को और अधिक समावेशी बनाया जाना चाहिए : अमेरिका
Wednesday, Sep 28, 2022 - 12:39 PM (IST)
(तस्वीरों के साथ) वाशिंगटन, 28 सितंबर (भाषा) अमेरिका के विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) को और अधिक समावेशी बनाने की जरूरत तथा वैश्विक संस्था में स्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
भारत लगातार संयुक्त राष्ट्र में सुरक्षा परिषद में लंबित सुधारों पर कार्रवाई तेज करने को लेकर जोर देता रहा है। उसने स्थायी सदस्यता पाने को लेकर भी अपनी दावेदारी पेश की है।
ब्लिंकन ने अमेरिका की यात्रा पर आए विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ हमारा मानना है कि जिन चुनौतियों का हम सामना कर रहे हैं, उनसे निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों को न केवल उसके चार्टर का पालन करना चाहिए, बल्कि सुरक्षा परिषद को और अधिक समावेशी बनाने सहित संस्थान का आधुनिकीकरण भी करना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, महासभा में अपने संबोधन में राष्ट्रपति (जो) बाइडन ने भी सुरक्षा परिषद के स्थायी व गैर-स्थायी दोनों प्रतिनिधियों की संख्या बढ़ाने के कदम का समर्थन किया था, जिसकी भारत लंबे समय से मांग कर रहा है।’’ शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने कहा, ‘‘इसमें उन देशों को स्थायी सदस्यता देना शामिल हैं जिनका हमने लंबे समय से समर्थन किया है। हम अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, कैरिबियाई देशों को स्थायी सदस्य बनाए जाने का भी समर्थन करते हैं।’’ वर्तमान में यूएनएससी में पांच स्थायी सदस्य और 10 गैर-स्थायी सदस्य देश शामिल हैं, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र की महासभा द्वारा दो साल के कार्यकाल के लिए चुना जाता है। पांच स्थायी सदस्य रूस, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस और अमेरिका हैं और ये देश किसी भी मूल प्रस्ताव को ‘वीटो’ कर सकते हैं। समकालीन वैश्विक वास्तविकता को प्रतिबिंबित करने के लिए स्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाने की मांग बढ़ रही है।
न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र में भाग लेने के बाद वाशिंगटन पहुंचे जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में सुधार विशेष रूप से एक वाजिब मुद्दा है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम इस मुद्दे पर अमेरिका के सकारात्मक दृष्टिकोण की सराहना करते हैं, जो खुद राष्ट्रपति बाइडन के विचारों में परिलक्षित होता है। हम इसे और आगे ले जाने के वास्ते अमेरिका के साथ काम करने को लेकर उत्सुक हैं।’’ जयशंकर ने कहा, ‘‘मैं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद से निपटने को लेकर अमेरिका से मिले सहयोग की भी सराहना करता हूं। मैं विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध प्रक्रिया द्वारा कुख्यात और वांछित आतंकवादियों को प्रतिबंधित करने का उल्लेख करना चाहता हूं। दुनिया को सुरक्षित बनाने के लिए कई अन्य क्षेत्रों में भी दोनों देश मिलकर काम कर रहे हैं।’’
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