अमेरिका बाइडन गुरुद्वारा लीड हिंसा
Saturday, Aug 06, 2022 - 04:56 PM (IST)
विस्कॉन्सिन गुरुद्वारे पर हमले की बरसी : बाइडन ने बंदूक हिंसा पर अंकुश का आह्वान किया
वाशिंगटन, छह अगस्त (भाषा) अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने ‘‘घरेलू आतंकवाद’’ और ‘‘श्वेत वर्चस्ववाद के जहर’’ समेत हर तरह की घृणा को परास्त करने के लिए अमेरिका में बंदूक हिंसा पर अंकुश तथा हथियारों पर रोक लगाने का आह्वान किया है।
इसके साथ ही उन्होंने 2012 में विस्कॉन्सिन में एक गुरुद्वारे पर हुए हमले की दसवीं बरसी पर इस जघन्य कृत्य की निंदा भी की।
गौरतलब है कि पांच अगस्त 2012 को एक श्वेत वर्चस्ववादी ने विस्कॉन्सिन में ओक क्रीक गुरुद्वारे के भीतर गोलीबारी की थी, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले में नि:शक्त हुए सातवें व्यक्ति की उसकी चोटों के कारण 2020 में मौत हो गई थी।
बाइडन ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, ‘‘ओक क्रीक गोलीबारी हमारे देश के इतिहास में सिख अमेरिकियों पर सबसे जानलेवा हमला था। यह दुख की बात है कि हमारे देश के प्रार्थना स्थलों पर हमले पिछले दशक से आम हो गए हैं। यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम इस नफरत को नकार दें। जब कोई इबादत में अपना सिर झुकाता है तो उसे अपनी जान का खतरा नहीं होना चाहिए।’’
राष्ट्रपति ने कहा कि ओक क्रीक घटना ने ‘‘हमें एक राह’’ दिखाई। उन्होंने यह याद किया कि कैसे हमले के बाद सिख समुदाय अपने गुरुद्वारे में लौट आया था और खुद से इसे साफ-सुथरा करने पर जोर दिया था।
उन्होंने कहा, ‘‘शाश्वत आशावाद की भावना से प्रेरित होकर हमें बंदूक हिंसा पर अंकुश लगाने और साथी अमेरिकियों को सुरक्षित रखने के लिए लगातार कदम उठाने चाहिए। हमें प्रार्थना स्थलों की रक्षा करने और घरेलू आतंकवाद तथा श्वेत वर्चस्ववाद के जहर समेत हर तरह की नफरत को हराने के लिए और कदम उठाने चाहिए।’’
बाइडन ने कहा, "हमें देश भर में पूजा स्थलों और अन्य स्थलों पर सामूहिक गोलीबारी की कई घटनाओं में इस्तेमाल होने वाले हथियारों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।"
यह रेखांकित करते हुए कि प्रतिनिधि सभा ने पिछले सप्ताह ऐसा करने के लिए एक विधेयक पारित किया, उन्होंने कहा कि सीनेट को भी कार्य करना चाहिए।
हमले को याद करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि जब ओक क्रीक में सिख-अमेरिकियों की पीढ़ियों ने कई साल तक स्थानीय हॉल किराए पर लेने के बाद अपने पूजा स्थल का निर्माण किया, तो यह उनका अपना एक पवित्र स्थान था। उन्होंने कहा कि शांति और अपनेपन की भावना पांच अगस्त 2012 को तब टूट गई, जब एक श्वेत वर्चस्ववादी एक अर्ध-स्वचालित बंदूक लेकर गुरुद्वारे में पहुंचा और गोलीबारी शुरू कर दी।
उन्होंने कहा, "बंदूकधारी ने उस दिन छह लोगों की हत्या कर दी और चार अन्य को घायल कर दिया, साथ ही एक अन्य व्यक्ति जो बच गया था, कुछ वर्ष बाद उसकी भी मौत हो गई।’’
हमले की दसवीं बरसी से संबंधित कार्यक्रम शुक्रवार शाम स्थानीय समयानुसार शाम छह बजे से आठ बजे तक विस्कॉन्सिन गुरुद्वारे में आयोजित किया गया।
विस्कॉन्सिन गुरुद्वारे ने एक बयान में कहा, ‘‘दस साल पहले, हमारी संगत को हमारे देश के इतिहास में सिखों के खिलाफ सबसे विनाशकारी हमले का सामना करना पड़ा था। हमेशा की तरह, हमारा हृदय प्रकाश सिंह, परमजीत कौर सैनी, सीता सिंह, रणजीत सिंह, सतवंत सिंह कालेका, सुवेग सिंह खटरा, और बाबा पंजाब सिंह के परिवारों के साथ ही हमले में घायल हुए लोगों के साथ है।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
इसके साथ ही उन्होंने 2012 में विस्कॉन्सिन में एक गुरुद्वारे पर हुए हमले की दसवीं बरसी पर इस जघन्य कृत्य की निंदा भी की।
गौरतलब है कि पांच अगस्त 2012 को एक श्वेत वर्चस्ववादी ने विस्कॉन्सिन में ओक क्रीक गुरुद्वारे के भीतर गोलीबारी की थी, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले में नि:शक्त हुए सातवें व्यक्ति की उसकी चोटों के कारण 2020 में मौत हो गई थी।
बाइडन ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, ‘‘ओक क्रीक गोलीबारी हमारे देश के इतिहास में सिख अमेरिकियों पर सबसे जानलेवा हमला था। यह दुख की बात है कि हमारे देश के प्रार्थना स्थलों पर हमले पिछले दशक से आम हो गए हैं। यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम इस नफरत को नकार दें। जब कोई इबादत में अपना सिर झुकाता है तो उसे अपनी जान का खतरा नहीं होना चाहिए।’’
राष्ट्रपति ने कहा कि ओक क्रीक घटना ने ‘‘हमें एक राह’’ दिखाई। उन्होंने यह याद किया कि कैसे हमले के बाद सिख समुदाय अपने गुरुद्वारे में लौट आया था और खुद से इसे साफ-सुथरा करने पर जोर दिया था।
उन्होंने कहा, ‘‘शाश्वत आशावाद की भावना से प्रेरित होकर हमें बंदूक हिंसा पर अंकुश लगाने और साथी अमेरिकियों को सुरक्षित रखने के लिए लगातार कदम उठाने चाहिए। हमें प्रार्थना स्थलों की रक्षा करने और घरेलू आतंकवाद तथा श्वेत वर्चस्ववाद के जहर समेत हर तरह की नफरत को हराने के लिए और कदम उठाने चाहिए।’’
बाइडन ने कहा, "हमें देश भर में पूजा स्थलों और अन्य स्थलों पर सामूहिक गोलीबारी की कई घटनाओं में इस्तेमाल होने वाले हथियारों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।"
यह रेखांकित करते हुए कि प्रतिनिधि सभा ने पिछले सप्ताह ऐसा करने के लिए एक विधेयक पारित किया, उन्होंने कहा कि सीनेट को भी कार्य करना चाहिए।
हमले को याद करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि जब ओक क्रीक में सिख-अमेरिकियों की पीढ़ियों ने कई साल तक स्थानीय हॉल किराए पर लेने के बाद अपने पूजा स्थल का निर्माण किया, तो यह उनका अपना एक पवित्र स्थान था। उन्होंने कहा कि शांति और अपनेपन की भावना पांच अगस्त 2012 को तब टूट गई, जब एक श्वेत वर्चस्ववादी एक अर्ध-स्वचालित बंदूक लेकर गुरुद्वारे में पहुंचा और गोलीबारी शुरू कर दी।
उन्होंने कहा, "बंदूकधारी ने उस दिन छह लोगों की हत्या कर दी और चार अन्य को घायल कर दिया, साथ ही एक अन्य व्यक्ति जो बच गया था, कुछ वर्ष बाद उसकी भी मौत हो गई।’’
हमले की दसवीं बरसी से संबंधित कार्यक्रम शुक्रवार शाम स्थानीय समयानुसार शाम छह बजे से आठ बजे तक विस्कॉन्सिन गुरुद्वारे में आयोजित किया गया।
विस्कॉन्सिन गुरुद्वारे ने एक बयान में कहा, ‘‘दस साल पहले, हमारी संगत को हमारे देश के इतिहास में सिखों के खिलाफ सबसे विनाशकारी हमले का सामना करना पड़ा था। हमेशा की तरह, हमारा हृदय प्रकाश सिंह, परमजीत कौर सैनी, सीता सिंह, रणजीत सिंह, सतवंत सिंह कालेका, सुवेग सिंह खटरा, और बाबा पंजाब सिंह के परिवारों के साथ ही हमले में घायल हुए लोगों के साथ है।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।