पाक इमरान ईसीपी लीड फंडिंग

punjabkesari.in Tuesday, Aug 02, 2022 - 09:18 PM (IST)

इमरान खान की पार्टी को 34 विदेशी नागरिकों, 351 विदेशी कंपनियों से धन मिला: ईसीपी इस्लामाबाद, दो अगस्त (भाषा) पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग (ईसीपी) ने अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान को झटका देते हुए मंगलवार को उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को 34 विदेशी नागरिकों और 351 विदेशी कंपनियों से ‘प्रतिबंधित धन’ प्राप्त करने के मामले में ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया।

ईसीपी की तीन सदस्यीय पीठ ने पीटीआई के संस्थापक सदस्य अकबर एस बाबर द्वारा दायर एक मामले में सर्वसम्मत फैसले की घोषणा की, जो नवंबर 2014 से लंबित था।

पीठ में मुख्य चुनाव आयुक्त सिकंदर सुल्तान राजा, निसार अहमद दुर्रानी और शाह मुहम्मद जटोई शामिल थे।

आयोग ने कहा कि पीटीआई को 34 विदेशी नागरिकों और कारोबारी दिग्गज आरिफ नकवी से धन प्राप्त हुआ था।

डॉन अखबार के अनुसार, ईसीपी ने यह भी कहा कि पीटीआई को भारतीय मूल की एक अमेरिकी व्यवसायी महिला रोमिता शेट्टी से भी चंदा मिला, जो नियमों के खिलाफ था।

दिलचस्प बात यह है कि ईसीपी का फैसला ‘द फाइनेंशियल टाइम्स’ अखबार में हाल में प्रकाशित हुई एक खबर के बाद आया है, जिसका शीर्षक ''क्रिकेट मैच का अजीब मामला जिसने खान के राजनीतिक उत्थान में मदद की'' था।

डॉन अखबार के अनुसार, लिखित फैसले में, ईसीपी ने उल्लेख किया कि पीटीआई ने "जानबूझकर" वूटन क्रिकेट लिमिटेड से 21,21,500 डॉलर की राशि प्राप्त की।

इसमें कहा गया कि पीटीआई पाकिस्तान को पीटीआई यूएसए एलएलसी -6160 और पीटीआई यूएसए एलएलसी-5975 के धन जुटाने के अभियानों के माध्यम से 34 विदेशी नागरिकों और विदेश-आधारित 351 कंपनियों से चंदा प्राप्त हुआ।

ईसीपी ने कहा कि पार्टी को पीटीआई कनाडा कॉर्पोरेशन और पीटीआई यूके पब्लिक लिमिटेड कंपनी के माध्यम से भी चंदा मिला।

इसने घोषणा की कि पार्टी ने 13 खातों को गुप्त रखा, जो कि पाकिस्तान के संविधान का एक और उल्लंघन है।

ईसीपी ने खान की पार्टी को ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी करते हुए पूछा कि यह पैसा जब्त क्यों नहीं किया जाना चाहिए।

याचिकाकर्ता बाबर ने कहा कि यह पीटीआई के "फासीवाद" को खत्म करने की दिशा में एक कदम है।

वह अब इस पार्टी से नहीं जुड़े हैं।

ईसीपी के फैसले पर पीटीआई प्रमुख खान की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

पीटीआई के नेता फवाद चौधरी ने कहा कि पार्टी के लिए ज्यादातर पैसा विदेशी पाकिस्तानियों से आया है, और ईसीपी के फैसले से साबित होता है कि यह "विदेशी फंडिंग" का मामला नहीं था।



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PTI News Agency

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