अमेरिका में भारतीय मूल के दो लोगों ने 12 लाख डॉलर की धोखाधड़ी का दोष स्वीकार किया
punjabkesari.in Thursday, Jun 30, 2022 - 09:23 AM (IST)
वाशिंगटन, 30 जून (भाषा) अमेरिका में भारतीय मूल के दो लोगों ने ऑनलाइन माध्यमों से लोगों से 12 लाख डॉलर की धोखाधड़ी करने की साजिश रचने का दोष स्वीकार कर लिया है। अमेरिका के एक अटॉर्नी ने यह जानकारी दी।
प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, अरुशोबाइक मित्रा (27) और गरबिता मित्रा (24) अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन धोखाधड़ी करने वाले एक गिरोह का हिस्सा थे। इस गिरोह के सदस्य भारत स्थित कॉल सेंटर के माध्यम से अमेरिकी नागरिकों, खासकर बुजुर्गों को ‘रोबोकॉल’ (इंटरनेट के जरिए फोन करके) के जरिए निशाना बनाते थे।
अमेरिकी अटॉर्नी फिलिप आर. सेलिंगर ने इस गिरोह के काम करने के तरीके पर विस्तार से बताते हुए कहा कि इंटरनेट से फोन करके लोगों से संपर्क किया जाता था और गिरोह के सदस्य उन्हें प्रत्यक्ष रूप से अथवा ‘वायर ट्रांसफर’ (ऑनलाइन) के माध्यम से बड़ी रकम भेजने के लिए मजबूर करते थे।
गिरोह के सदस्य खुद को अमेरिका के सामाजिक सुरक्षा प्रशासन, संघीय जांच एजेंसी (एफबीआई) आदि जैसी एजेंसियों का सरकारी अधिकारी बताकर लोगों को उनकी बात नहीं मानने पर गंभीर कानूनी एवं आर्थिक परिणाम भुगतने की धमकी भी देते थे।
अरुशोबाइक मित्रा और गरबिता मित्रा ने कुल 48 लोगों को अपना निशाना बनाकर उन्हें 12 लाख अमेरिकी डॉलर से अधिक का चूना लगाया था। इस मामले में दोनों को 20 साल की जेल और ढाई लाख डॉलर का जुर्माना लगाया जा सकता है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, अरुशोबाइक मित्रा (27) और गरबिता मित्रा (24) अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन धोखाधड़ी करने वाले एक गिरोह का हिस्सा थे। इस गिरोह के सदस्य भारत स्थित कॉल सेंटर के माध्यम से अमेरिकी नागरिकों, खासकर बुजुर्गों को ‘रोबोकॉल’ (इंटरनेट के जरिए फोन करके) के जरिए निशाना बनाते थे।
अमेरिकी अटॉर्नी फिलिप आर. सेलिंगर ने इस गिरोह के काम करने के तरीके पर विस्तार से बताते हुए कहा कि इंटरनेट से फोन करके लोगों से संपर्क किया जाता था और गिरोह के सदस्य उन्हें प्रत्यक्ष रूप से अथवा ‘वायर ट्रांसफर’ (ऑनलाइन) के माध्यम से बड़ी रकम भेजने के लिए मजबूर करते थे।
गिरोह के सदस्य खुद को अमेरिका के सामाजिक सुरक्षा प्रशासन, संघीय जांच एजेंसी (एफबीआई) आदि जैसी एजेंसियों का सरकारी अधिकारी बताकर लोगों को उनकी बात नहीं मानने पर गंभीर कानूनी एवं आर्थिक परिणाम भुगतने की धमकी भी देते थे।
अरुशोबाइक मित्रा और गरबिता मित्रा ने कुल 48 लोगों को अपना निशाना बनाकर उन्हें 12 लाख अमेरिकी डॉलर से अधिक का चूना लगाया था। इस मामले में दोनों को 20 साल की जेल और ढाई लाख डॉलर का जुर्माना लगाया जा सकता है।
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