बाइडन की जीत के बावजूद पोम्पिओ यूरोप, पश्चिम एशिया की यात्रा पर जाएंगे
Friday, Nov 13, 2020 - 03:08 PM (IST)
वाशिंगटन, 13 नवंबर (एपी) अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अपनी हार को स्वीकार करने से इनकार करने के बाद विदेश मंत्री पोम्पिओ शुक्रवार को यूरोप और पश्चिम एशिया की यात्रा पर रवाना हो रहे है, जबकि इन देशों के नेता पूर्व उपराष्ट्रपति बाइडन को राष्ट्रपति चुनाव में जीत की बधाई दे चुके हैं।
सात देशों की इस यात्रा का लक्ष्य निवर्तमान ट्रंप प्रशासन की प्रथामिकताओं को आगे बढ़ाना है, खास तौर पर इसमें चीन विरोधी और ईरान संबंधी नीति शामिल हैँ। वहीं इसमें वेस्ट बैंक में इजरायली बस्तियों में जाना भी शामिल है, जहां पहले के विदेश मंत्री जाने से बचते रहे हैं। लेकिन मौजूदा विदेश नीतियों से जुड़े मुद्दे वैश्विक राजनीति में फिलहाल अभूतपूर्व मौके की वजह से गौण हैं। ज्यादातर देशों ने अमेरिका के चुनाव परिणाम को स्वीकार कर लिया है लेकिन अमेरिका के विदेश मंत्री समेत राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी ने अभी बाइडन की जीत को स्वीकार नहीं किया है।
पोम्पियो की यह यात्रा उनके उस बयान के कुछ दिनों बाद हो रही है जिसमें उन्होंने सत्ता हस्तांतरण से जुड़े एक सवाल पर प्रश्न खड़े करते हुए कहा था, ‘‘ ट्रंप प्रशासन के दूसरे कार्यकाल के लिए सुचारू रूप से हस्तांतरण होगा।’’
उन्होंने गंभीर लहजे में कहा था कि दुनिया को आश्वस्त रहना चाहिए कि 20 जून के बाद कार्यालय संभालने वाले राष्ट्रपति के साथ विदेश मंत्रालय का काम क्रियाशील और सफल रहेगा लेकिन इन टिप्पणियों और रुढ़विादी मीडिया के साथ बाद में साक्षात्कारों में यह नहीं स्वीकार किया गया कि उस समय तो बाइडन राष्ट्रपति होंगे।
पोम्पियो फ्रांस, तुर्की, जॉर्जिया, इजरायल, संयुक्त अरब अमीरात, कतर और सऊदी अरब की यात्रा पर जा रहे हैं। इनमें से सभी देशों के नेताओं ने सार्वजनिक तौर पर बाइडन को जीत की बधाई दी है।
एपी स्नेहा नरेश नरेश 1311 1509 वाशिंगटन
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
सात देशों की इस यात्रा का लक्ष्य निवर्तमान ट्रंप प्रशासन की प्रथामिकताओं को आगे बढ़ाना है, खास तौर पर इसमें चीन विरोधी और ईरान संबंधी नीति शामिल हैँ। वहीं इसमें वेस्ट बैंक में इजरायली बस्तियों में जाना भी शामिल है, जहां पहले के विदेश मंत्री जाने से बचते रहे हैं। लेकिन मौजूदा विदेश नीतियों से जुड़े मुद्दे वैश्विक राजनीति में फिलहाल अभूतपूर्व मौके की वजह से गौण हैं। ज्यादातर देशों ने अमेरिका के चुनाव परिणाम को स्वीकार कर लिया है लेकिन अमेरिका के विदेश मंत्री समेत राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी ने अभी बाइडन की जीत को स्वीकार नहीं किया है।
पोम्पियो की यह यात्रा उनके उस बयान के कुछ दिनों बाद हो रही है जिसमें उन्होंने सत्ता हस्तांतरण से जुड़े एक सवाल पर प्रश्न खड़े करते हुए कहा था, ‘‘ ट्रंप प्रशासन के दूसरे कार्यकाल के लिए सुचारू रूप से हस्तांतरण होगा।’’
उन्होंने गंभीर लहजे में कहा था कि दुनिया को आश्वस्त रहना चाहिए कि 20 जून के बाद कार्यालय संभालने वाले राष्ट्रपति के साथ विदेश मंत्रालय का काम क्रियाशील और सफल रहेगा लेकिन इन टिप्पणियों और रुढ़विादी मीडिया के साथ बाद में साक्षात्कारों में यह नहीं स्वीकार किया गया कि उस समय तो बाइडन राष्ट्रपति होंगे।
पोम्पियो फ्रांस, तुर्की, जॉर्जिया, इजरायल, संयुक्त अरब अमीरात, कतर और सऊदी अरब की यात्रा पर जा रहे हैं। इनमें से सभी देशों के नेताओं ने सार्वजनिक तौर पर बाइडन को जीत की बधाई दी है।
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