कमला हैरिस: हर पड़ाव पर कायम की मिसाल
Sunday, Nov 08, 2020 - 02:43 PM (IST)
वाशिंगटन, आठ नवंबर (भाषा) भारतवंशी कमला देवी हैरिस ने अमेरिका की निर्वाचित उपराष्ट्रपति बनकर इतिहास रच दिया है। वह अमेरिका में इस पद के लिए निर्वाचित होने वाली पहली महिला हैं। यही नहीं, हैरिस देश की पहली भारतवंशी, अश्वेत और अफ्रीकी अमेरिकी उपराष्ट्रपति होंगी।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उम्मीदवार रहे जो बाइडेन ने अगस्त में उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार के रूप में हैरिस को चुना था। राष्ट्रपति पद के अपने सपनों को हैरिस ने चुनाव प्रचार हेतु वित्तीय संसाधनों के अभाव का हवाला देते हुए त्याग दिया था।
अपने पूर्व प्रतिद्वंद्वी बाइडेन की किसी समय हैरिस कटु आलोचक थीं। 56 वर्षीय हैरिस सीनेट के तीन एशियाई अमेरिकी सदस्यों में से एक हैं।
हैरिस ने कई मिसालें कायम की है। वह सान फ्रांसिस्को की डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी बनने वाली पहली महिला, पहली भारतवंशी और पहली अफ्रीकी अमेरिकी हैं।
ओबामा के कार्यकाल में वह ‘फीमेल ओबामा’ के नाम से लोकप्रिय थीं।
कैलिफोर्निया के ओकलैंड में 20 अक्टूबर 1964 को जन्मी कमला देवी हैरिस की मां श्यामला गोपालन 1960 में भारत के तमिलनाडु से यूसी बर्कले पहुंची थीं, जबकि उनके पिता डोनाल्ड जे हैरिस 1961 में ब्रिटिश जमैका से इकोनॉमिक्स में स्नातक की पढ़ाई करने यूसी बर्कले आए थे। यहीं अध्ययन के दौरान दोनों की मुलाकात हुई और मानव अधिकार आंदोलनों में भाग लेने के दौरान उन्होंने विवाह करने का फैसला कर लिया।
हाई स्कूल के बाद हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने वाली कमला अभी सात ही बरस की थीं, जब उनके माता-पिता एक दूसरे से अलग हो गए। कमला और उनकी छोटी बहन माया अपनी मां के साथ रहीं और उन दोनों के जीवन पर मां का बहुत प्रभाव रहा।
हालांकि वह दौर अश्वेत लोगों के लिए सहज नहीं था। कमला और माया की परवरिश के दौरान उनकी मां ने दोनों को अपनी पृष्ठभूमि से जोड़े रखा और उन्हें अपनी साझा विरासत पर गर्व करना सिखाया। वह भारतीय संस्कृति से गहरे से जुड़ी रहीं।
कमला ने अपनी आत्मकथा ''द ट्रुथ्स वी होल्ड'' में लिखा है कि उनकी मां को पता था कि वह दो अश्वेत बेटियों का पालन पोषण कर रही हैं और उन्हें सदा अश्वेत के तौर पर ही देखा जाएगा, लेकिन उन्होंने अपनी बेटियों को ऐसे संस्कार दिए कि कैंसर अनुसंधानकर्ता और मानवाधिकार कार्यकर्ता श्यामला और उनकी दोनों बेटियों को '''' श्यामला एंड द गर्ल्स'''' के नाम से जाना जाने लगा।
हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अध्ययन के बाद हैरिस ने कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की। वह 2003 में सान फ्रांसिस्को की शीर्ष अभियोजक बनीं। वह 2010 में कैलिफोर्निया की अटॉर्नी बनने वाली पहली महिला और पहली अश्वेत व्यक्ति थीं। हैरिस 2017 में कैलिफोर्निया से जूनियर अमेरिकी सीनेटर चुनी गईं।
कमला ने 2014 में जब अपने साथी वकील डगलस एम्पहॉफ से विवाह किया तो वह भारतीय, अफ्रीकी और अमेरिकी परंपरा के साथ साथ यहूदी परंपरा से भी जुड़ गईं।
हैरिस ने डेलावेयर के विलमिंग्टन में शनिवार रात को परिणामों की घोषणा के बाद देशवासियों को पहली बार संबोधित करते हुए कहा कि अब जब लोगों ने अगले चार साल के लिए जनादेश दिया है, तो अब असली काम शुरू होता है।
हैरिस ने कहा, ‘‘इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपने किसे वोट दिया, मैं ऐसी उप राष्ट्रपति बनने की कोशिश करूंगी जैसे जो बाइडेन पूर्व राष्ट्रपति (बराक) ओबामा के लिए थे- वफादार, सत्यनिष्ठ और तैयार, रोज सुबह आपके और आपके परिवारों के बारे में सोचते हुए । क्योंकि अब ही वास्तविक काम शुरू होना है। आपने अमेरिका के लिए नया दिन सुनिश्चित किया है।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उम्मीदवार रहे जो बाइडेन ने अगस्त में उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार के रूप में हैरिस को चुना था। राष्ट्रपति पद के अपने सपनों को हैरिस ने चुनाव प्रचार हेतु वित्तीय संसाधनों के अभाव का हवाला देते हुए त्याग दिया था।
अपने पूर्व प्रतिद्वंद्वी बाइडेन की किसी समय हैरिस कटु आलोचक थीं। 56 वर्षीय हैरिस सीनेट के तीन एशियाई अमेरिकी सदस्यों में से एक हैं।
हैरिस ने कई मिसालें कायम की है। वह सान फ्रांसिस्को की डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी बनने वाली पहली महिला, पहली भारतवंशी और पहली अफ्रीकी अमेरिकी हैं।
ओबामा के कार्यकाल में वह ‘फीमेल ओबामा’ के नाम से लोकप्रिय थीं।
कैलिफोर्निया के ओकलैंड में 20 अक्टूबर 1964 को जन्मी कमला देवी हैरिस की मां श्यामला गोपालन 1960 में भारत के तमिलनाडु से यूसी बर्कले पहुंची थीं, जबकि उनके पिता डोनाल्ड जे हैरिस 1961 में ब्रिटिश जमैका से इकोनॉमिक्स में स्नातक की पढ़ाई करने यूसी बर्कले आए थे। यहीं अध्ययन के दौरान दोनों की मुलाकात हुई और मानव अधिकार आंदोलनों में भाग लेने के दौरान उन्होंने विवाह करने का फैसला कर लिया।
हाई स्कूल के बाद हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने वाली कमला अभी सात ही बरस की थीं, जब उनके माता-पिता एक दूसरे से अलग हो गए। कमला और उनकी छोटी बहन माया अपनी मां के साथ रहीं और उन दोनों के जीवन पर मां का बहुत प्रभाव रहा।
हालांकि वह दौर अश्वेत लोगों के लिए सहज नहीं था। कमला और माया की परवरिश के दौरान उनकी मां ने दोनों को अपनी पृष्ठभूमि से जोड़े रखा और उन्हें अपनी साझा विरासत पर गर्व करना सिखाया। वह भारतीय संस्कृति से गहरे से जुड़ी रहीं।
कमला ने अपनी आत्मकथा ''द ट्रुथ्स वी होल्ड'' में लिखा है कि उनकी मां को पता था कि वह दो अश्वेत बेटियों का पालन पोषण कर रही हैं और उन्हें सदा अश्वेत के तौर पर ही देखा जाएगा, लेकिन उन्होंने अपनी बेटियों को ऐसे संस्कार दिए कि कैंसर अनुसंधानकर्ता और मानवाधिकार कार्यकर्ता श्यामला और उनकी दोनों बेटियों को '''' श्यामला एंड द गर्ल्स'''' के नाम से जाना जाने लगा।
हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अध्ययन के बाद हैरिस ने कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की। वह 2003 में सान फ्रांसिस्को की शीर्ष अभियोजक बनीं। वह 2010 में कैलिफोर्निया की अटॉर्नी बनने वाली पहली महिला और पहली अश्वेत व्यक्ति थीं। हैरिस 2017 में कैलिफोर्निया से जूनियर अमेरिकी सीनेटर चुनी गईं।
कमला ने 2014 में जब अपने साथी वकील डगलस एम्पहॉफ से विवाह किया तो वह भारतीय, अफ्रीकी और अमेरिकी परंपरा के साथ साथ यहूदी परंपरा से भी जुड़ गईं।
हैरिस ने डेलावेयर के विलमिंग्टन में शनिवार रात को परिणामों की घोषणा के बाद देशवासियों को पहली बार संबोधित करते हुए कहा कि अब जब लोगों ने अगले चार साल के लिए जनादेश दिया है, तो अब असली काम शुरू होता है।
हैरिस ने कहा, ‘‘इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपने किसे वोट दिया, मैं ऐसी उप राष्ट्रपति बनने की कोशिश करूंगी जैसे जो बाइडेन पूर्व राष्ट्रपति (बराक) ओबामा के लिए थे- वफादार, सत्यनिष्ठ और तैयार, रोज सुबह आपके और आपके परिवारों के बारे में सोचते हुए । क्योंकि अब ही वास्तविक काम शुरू होना है। आपने अमेरिका के लिए नया दिन सुनिश्चित किया है।’’
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