चीनी व भारतीय विद्वानों ने बाउल दर्शन, संगीत पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लिया

Sunday, Aug 02, 2020 - 04:06 PM (IST)

बीजिंग, दो अगस्त (भाषा) भारतीय दूतावास द्वारा यहां आयोजित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में कई चीनी और भारतीय विद्वानों ने भाग लिया। कार्यक्रम बाउल संगीत और दर्शन पर केंद्रित था। बाउल एक प्रकार का आध्यात्मिक लोक गायन है जो ग्रामीण बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल में प्रचलित है। यूनेस्को ने भी इसे सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल किया है।

स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र ने शुक्रवार को भारतीय दूतावास में इस कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें बाउल संगीत और दर्शन का ऑफ़लाइन और ऑनलाइन प्रसारण का अनोखा मिश्रण किया गया था।


बीजिंग में रह रहे भारतीय पत्रकार सुवम ने कहा कि बाउल पंथ, जाति और धर्म से परे है और इसमें तंत्र, सूफीवाद, वैष्णववाद और बौद्ध धर्म का मिश्रण है।


भारतीय दूतावास में प्रथम सचिव (संस्कृति) राजश्री बेहरा ने कहा कि कार्यक्रम तीन भाषाओं- चीनी, अंग्रेजी और बांग्ला में था जिसमें संगीत और दर्शन के सार के साथ इसकी सार्वभौमिकता को रेखांकित किया गया। चीनी विद्वान यांग वीमिंग शोरना ने भी बाउल की विशेषताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बाउल पर चीनी भाषा में कई शोधपत्र प्रस्तुत किए हैं।

कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण गौतम हज़रा बाउल की मंडली थी जिसने कुछ लोकप्रिय और भावपूर्ण गीत पेश किए।

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PTI News Agency

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