यरुशलम में धधक रही अमरीका विरोधी आग, खूनी संघर्ष और बढने के आसार (pics)

Wednesday, May 16, 2018 - 11:20 AM (IST)

यरुशलमः इसराईल में अमरीकी दूतावास  यरुशलम स्थानांतरित करने के बाद भड़की हिंसा में 59 फिलीस्तीन नागरिकों के मारे जाने के बाद भी गाजा पट्टी इलाके में अमरीका के खिलाफ विरोध की आग अभी भी धधक रही है। यहां एक तरफ फिलीस्तीनी नकबा की 70वीं वर्षगांठ मना रहे हैं जिसके तहत 1948 में इसराईल निर्माण के वक्त आज ही के दिन 7 लाख फिलीस्तीनी अपना घर यहां से छोड़कर भागे थे और दूसरी तरफ सोमवार को खूनी संघर्ष में मारे गए 59 लोगों का अंतिम संस्कार भी यहां होना है। दोनों ही परिस्थितियों में इलाके के भीतर कभी भी हिंसा भड़क सकती है।

फिलीस्तीन के लोगों ने अमरीका के इस  कदम को एक आपदा के रूप में लिया है और अमरीका द्वारा यरुशलम को इसराईल की राजधानी के बतौर मान्यता देने की कोशिशों की व्यापक स्तर पर निंदा करते हुए मंगलवर को आम हड़ताल की घोषणा की  है। यहां सोमवार को मारे गए लोगों के अंतिम संस्कार के वक्त भीड़ जुटना तय है। ऐसे में नकबा की वर्षगांठ आग में घी का काम करेगी। अमरीका को भी आशंका है कि गाजा पट्टी में खूनी संघर्ष बढ़ सकता है। गाजा में हमास के उप प्रमुख खलील अल-हैय ने अमरीका पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाते हुए नतीजा भुगतने की धमकी दी है।

फिलीस्तीन क्षेत्र पर शासन करने वाले इस्लामी गुट हमास व फिलीस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने  इसे नरसंहार करार दिया है। संयुक्त राष्ट्र ने भी इसे मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन करार दिया है। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि खूनी संघर्ष में मारे गए 59 लोगों में से अधिकांश लोग इसराईली स्नाइपर्स की गोली की भेंट चढ़े हैं जिनमें 16 साल से कम उम्र के आठ बच्चे भी शामिल हैं। वाशिंगटन के ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन थिंक टैंक में फिलीस्तीन नेतृत्व के पूर्व सलाहकार खालिद एल्गींडी ने कहा कि अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस मामले को शांत करने के लिए कुछ भी नहीं किया, उन्हें कम से कम इसराईली सेना को फिलीस्तीन प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी करने से रोकना चाहिए था। 

Tanuja

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