चीन को नया झटकाः शी जिनपिंग से अब राष्ट्रपति का खिताब छीनेगा अमेरिका
Sunday, Aug 23, 2020 - 06:08 PM (IST)
इंटरनेशनल डेस्कः कोरोना वायरस, ट्रेड और दक्षिण चीन सागर आदि मुद्दों पर चीन और अमेरिका के बीच तनाव चरम पर है । इसी कारण दोनों देशों में भारी मतभेद हैं लेकिन अब अमेरिका ने चीन को टेंशन देने वाला एक नया तर्क पेश कर दिया है। चीन को सबक सिखाने के इरादे से अमेरिका अब शी जिनपिंग से राष्ट्रपति का खिताब छीनने की तैयारी में है। अमेरिका ने कहा है कि शी जिनपिंग चीन के राष्ट्रपति के रूप में काम नहीं कर रहे हैं और अमेरिका उन्हें चीन का राष्ट्रपति नहीं मानता है। शत्रु अधिनियम के तहत शी जिनपिंग को जल्द ही अमेरिकी सरकार के किसी भी दस्तावेज में चीन का राष्ट्रपति नहीं कहा जाएगा और इसके लिए अमेरिका में एक विधेयक भी पास किया जाएगा।
बता दें कि वाशिंगटन में सांसदों ने संघीय सरकार द्वारा चीन के शीर्ष नेता को संदर्भित करने के तरीके को बदलने के लिए विधेयक पेश किया, जिसमें राष्ट्रपति शब्द के उपयोग पर रोक की बात कही गई है। अमेरिका के इन सांसदों का कहना है कि शी जिनपिंग एक तानाशाही सरकार के प्रतिनिधि हैं और उन्हें जनता ने नहीं चुना है। राष्ट्रपति कहलाने का अधिकार केवल उस नेता को होना चाहिए जो लोकतांत्रिक तरीके से जनता द्वारा चुना गया है। विधेयक पेश करने वाले सांसदों ने विधेयक में तर्क दिया है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी में भूमिका के अनुसार चीन के शीर्ष नेता को संदर्भित किया जाना चाहिए।
मौजूदा समय में चीन के शीर्ष नेता शी जिनपिंग तीन आधिकारिक उपाधि रखते हैं, जिनमें से कोई भी राष्ट्रपति नहीं है। अमेरिकी सांसदों का कहना है कि चीन के शीर्ष नेता को राष्ट्रपति के रूप में संबोधित करने से यह धारणा बनती है कि देश के लोगों ने उन्हें लोकतांत्रिक माध्यम से चुना है। शी जिनपिंग जनता द्वारा लोकतांत्रिक माध्यम से राष्ट्रपति नहीं चुने गए हैं। जिनपिंग को राष्ट्रपति कहना लोकतंत्र का अपमान है। वे एक तानाशाही सरकार के शीर्ष नेता हैं. यह धारणा गलत है और इसे स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं माना जा सकता। अधिनियम को रिपब्लिकन पार्टी के सांसद स्कॉट पेरी ने पेश किया था।