अमेरिका का फिर ड्रेगन पर हमला: पोम्पियो बोले- "दुनियाभर के संचार नेटवर्क पर कब्जे की कोशिश कर रहा चीन"

Saturday, Jul 18, 2020 - 02:46 PM (IST)

वॉशिंगटनः कोरोना वायरस को लेकर अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। कोरोना महामारी दुनियाभर में फैलने के बाद अमेरिका लगातार चीन के खिलाफ आक्रामक रवैया अपनाए हुए है। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने एक बार फिर से चीन पर हमला बोलते हुए कहा कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) हांगकांग की स्वतंत्रता के लिए खतरा बनी हुई है और आजाद ताइवान को धमका रही है। ये लोग दुनियाभर के संचार नेटवर्क पर अधिपत्य जमाने की कोशिश कर रहे हैं।

पोंपियो ने कहा कि कुछ हफ्ते पहले उन्होंने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को लेकर एक रिपोर्ट पढ़ी थी, जिसके अनुसार CCP पश्चिमी चीन में चीनी मुसलमानों का सामूहिक गर्भपात और उन्हें नसबंदी के लिए मजबूर कर रही है। मानवाधिकारों के खिलाफ यह अबतक के कुछ सबसे जघन्य उल्लंघन के मामले हैं, जिसे मैंने इस शताब्दी के दाग के रूप में संदर्भित किया था। बता दें कि इससे पहले अमेरिका ने हांगकांग स्वायत्तता कानून को पास किया था। अमेरिका ने चीन को पड़ोसी देशों को लेकर साफ चेतावनी दी थी और कहा था कि अगर चीन मित्र देशों को परेशान करेगा तो अमेरिका दक्षिण चीन सागर से हिमालय तक अपने मित्र देशों के साथ खड़ा रहेगा और उनके साथ रहेगा।

ऐसे में अमेरिका ने साफ तौर पर यह स्पष्ट संदेश दिया है कि वह हर हालात में भारत के साथ खड़ा रहेगा। अमेरिका के विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि जब दुनिया कोरोना से लड़ रही है तो चीन अपने गलत अभियान को आगे बढ़ाने में जुटा हुआ है। चीन को लगता है कि वह जो कुछ भी कर रहा है सही है, लेकिन ऐसा नहीं है। दक्षिण चीन सागर के मुद्दे का सीधे तौर पर आर्कटिक, हिंद महासागर, भूमध्यसागर के साथ अन्य जलमार्गों पर पड़ता है। दक्षिण चीन सागर मसले का असर हर देश और नागरिक पर पड़ता है जो समुद्र की स्वतंत्रता पर निर्भर है।

Tanuja

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