पाक में पढ़े-लिखे लोग ही पोलियो उन्मूलन की राह में रोड़ा

Tuesday, Apr 04, 2017 - 12:05 PM (IST)

इस्लामाबादः पोलियो का जोखिम होने के बावजूद पाकिस्तान में टीकाकरण अभियान को जनता का समर्थन नहीं मिल पा रहा है । खबरों के मुताबिक देश में पढ़े-लिखे वर्ग का एक बड़ा हिस्सा अपने बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाने से पीछे हट रहा ।  हालांकि, इस चुनौती से निपटने के लिए सख्ती की जा रही है। एक अधिकारी के मुताबिक अपने बच्चों को पोलियो खुराक न पिलाने वाले अभिभावकों के खिलाफ मामला दर्ज कराया जा रहा है। लेकिन, पाकिस्तान के पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम को लेकर सक्रिय सीनेटर आयशा रजा फारूक प्रशासन के इस कदम से सहमत नहीं हैं।

उनका कहना है कि यह लगातार चलने वाली प्रक्रिया है, जिसकी सफलता के लिए लोगों को जागरूक करना जरूरी है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इस्लामाबाद और रावलपिंडी में पोलियो वायरस के पॉजिटिव केस मिलने के बाद देश में 27 मार्च से विशेष अभियान शुरू किया गया है।लेकिन, इसको लेकर शिक्षित तबके का रुझान निराशाजनक रहा है. अभियान से जुड़े लोगों कहना है कि भले ही पढ़ेलिखे तबके के बीच कोई धार्मिक वजह मौजूद न हो लेकिन वे इसके समर्थन में नहीं हैं। इन लोगों से मिली जानकारी के मुताबिक ज्यादातर लोग अपने बच्चे को निजी तौर पर पोलियो ड्रॉप पिलाने का दावा करते हैं, लेकिन इसके पक्ष में कोई सबूत नहीं दे पाते।

इस पूरे अभियान की चुनौती का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान में पिछले दिनों उप-सचिव स्तर के एक अधिकारी ने भी अपने बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाने से इंकार कर दिया था। आंकड़ों के मुताबिक अकेले मार्च में ही 46,967 अभिभावक अपने बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाने से इंकार कर चुके हैं।इस मुद्दे पर आयशा फारूक का कहना है कि लोगों के दिमाग में यह सोच घर कर गई है कि सरकारी अभियान के बजाय बच्चों को निजी तौर पर पोलियो ड्रॉप पिलाना ज्यादा सुरक्षित है. पाकिस्तान सरकार फिलहाल इस चुनौती से निपटने के लिए ऐसे अभिभावकों के घरों पर अधिकारी भेजने की व्यवस्था कर रही है। 

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