G 20 सम्मेलन में CPEC को लेकर PM मोदी ने जताई चिंता

Monday, Sep 05, 2016 - 12:52 AM (IST)

हांगझोउ: भारत ने पाक अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरने वाले चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) और ‘क्षेत्र से उपजने वाले’ आतंकवाद पर आज चीन के समक्ष अपनी चिंता जाहिर की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से कहा कि दोनों देशों को एक दूसरे के रणनीतिक हितों के प्रति ‘संवेदनशील’ होना चाहिए। मोदी ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई ‘राजनीतिक हितों’ से प्रेरित नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'स्थाई द्विपक्षीय संबंधों को सुनिश्चित करने के लिए ‘‘यह बेहद महत्वपूर्ण है कि हम एक दूसरे की महत्वाकांक्षाओं, चिंताओं और राणनीतिक हितों का सम्मान करेंं।’’

CPEC को लेकर मोदी ने जताई चिंता  
जी 20 सम्मेलन से पहले शी के साथ हुई द्विपक्षीय बैठक में मोदी ने पाक अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरने वाले 46 अरब डॉलर लागत वाले चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे(सीपीईसी)पर चिंता जाहिर की है। ऊर्जा से जुड़ी कई परियोजनाओं के अलावा सीपीईसी में ग्वादर पत्तन से पाक अधिकृत कश्मीर के रास्ते शिनजियांग के काशघर तक तेल और गैस ले जाने के लिए रेल, सड़क और पाइपलाइनें हैं। 

बैठक के दौरान उठाया गया सीपीईसी का मुद्दा
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप से जब पूछा गया कि क्या सीपीईसी वाले क्षेत्र से आतंकवाद के उपजने के बारे में चर्चा हुई है, तो उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि यह मुद्दा बैठक के दौरान उठाया जा रहा है । मोदी ने कहा कि भारत और चीन दोनों को ही एक दूसरे के रणनीतिक हितों के प्रति ‘संवेदनशील’ होने की जरूरत है। उन्होंने ‘नकारात्मक धारणा को बढ़ने से रोकने’ के लिए विशिष्ट कदम उठाने का आह्वान किया। स्वरूप ने शी के साथ चली लगभग 30 मिनट की बैठक में मोदी द्वारा उठाए गए मुद्दों की संक्षिप्त जानकारी देते हुए कहा,‘‘सैद्धांतिक तौर पर, दोनों देशों को एक दूसरे के रणनीतिक हितों के प्रति संवेदनशील होना पड़ेगा।’’

क्या है चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कोरिडोर(CPEC)?
- चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर बलूचिस्तान के ग्वादर पोर्ट से शुरू होगा।
- मकरान कोस्ट से होते हुए ये कॉरिडोर लाहौर, इस्लामाबाद को जोड़ता है।
- गिलगिट-बाल्टिस्तान (पीओके) होते हुए यह काराकोरम हाईवे को भी जोड़ेगा।
- चीन के काशगर में शिनजियांग पर ये खत्म होगा । इसके चलते चीन को इंडियन ओशन और उसके आगे तक सीधा रास्ता मिल जाएगा। कोरिडोर के छोटे रास्ते (12 हजार किमी) से चीन को गल्फ कंट्रीज से पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स और फ्यूल मिल सकेंगे।

आतंक पर हुई बाचतीत
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट किया, ‘हांगझोउ में चल रही बैठक में आतंक पर भी बातचीत चल रही है । इन मुद्दों में पाकिस्तान के आतंकी संगठनों को संयुक्त राष्ट्र में सूचीबद्ध किए जाने, चीन द्वारा एनएसजी में भारत की सदस्यता रोकी जाने और 46 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का मुद्दा शामिल है।

ओबामा ने की मोदी की तारीफ 
जीएसटी बिल के पारित होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने तारीफ की और इसे साहसिक नीति बताया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की जीएसटी बिल को पारित कराने में सफलता पर ओबामा ने भी बात की और मुश्किल वैश्विक दश्य में जीएसटी सुधार को साहसिक नीति बताया। मोदी ने भी ओबामा के नेतृत्व की तारीफ की। मोदी ने पहले ओबामा से संक्षिप्त मुलाकात उस समय की, जब दोनों नेता जी-20 शिखर सम्मेलन में एक सामूहिक तस्वीर खिंचवाने के लिए साथ खड़े थे। दोनों को एक उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान अपने विचारों को साझा करने अवसर मिला। 

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