ड्रैगन ने भारत को दिखाई आंख,बोला- पहाड़ हिलाया जा सकता है लेकिन चीनी सेना को नहीं
Monday, Jul 24, 2017 - 01:52 PM (IST)
बीजिंग: पिछले कुछ समय से सिक्किम सेक्टर में डोकलाम क्षेत्र को लेकर भारत और चीन के बीच तनातनी जारी है। इस विवाद के दौरान दोनों देशों की ओर से आए दिन कुछ न कुछ बयानबाजी होती रहती है। पहले चीनी मीडिया और अब चीन के रक्षा मंत्रालय की ओर से एक बयानबाजी की गई है, जिसमें खुलेआम भारत को चेतावनी दी गई है। चीन ने चेतावनी देते हुए कहा है कि भारत डोकलाम से अपनी सेना पीछे हटाए नहीं तो हम अपनी सेना बढ़ा देंगे।
Strongly call on India to immediately withdraw frontier defence personnel from across border: Wu Qian, Chinese Defence Ministry Spox #Doklam pic.twitter.com/LuW6pUNvVD
— ANI (@ANI_news) July 24, 2017
पीछे हटे भारतः चीन
चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वू कियान ने भारत चीन के बीच डोकलाम में चल रहे विवाद को लेकर मीडिया को दिए आधिकारिक बयान में कहा कि भारत किसी भ्रम में ना रहे और अपनी सेना को जल्द पीछे हटा ले। कियान ने यह भी कहा कि यही इस समस्या के समाधान के लिए चीन की पहली शर्त है।
It's our pre-condition & basis for solving situation.Peace of entire region depends on peace of border region: China's Defence Ministry Spox pic.twitter.com/VizLQiM1AJ
— ANI (@ANI_news) July 24, 2017
चीनी सेना को नहीं हिलाया जा सकता
वू कियान ने कहा कि भारत किसी भी तरह के भ्रम में न रहें उन्होंने कहा कि पहाड़ को हिलाया जा सकता है, लेकिन चीनी सेना को नहीं हिलाया जा सकता। वू ने कहा कि भारत अपनी सेना तुरंत पीछे हटा ले। पीएलए ने यह भी कहा कि इस घटना के जवाब में एक 'आपातकालीन प्रतिक्रिया' के तौर पर क्षेत्र में और अधिक चीनी सेना उतार सकती है।
वरिष्ठ कर्नल वू ने कहा, 'हम भारत से दृढ़ता पूर्वक आग्रह करते हैं कि वह अपने सैनिकों को दोनों देशों की सीमा रेखा से वापस बुलाए। यह समस्या को निपटाने के लिए आधार है। शांति और सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा दोनों चीनी और भारतीय लोगों के हितों के साथ हो।'उन्होंने आगे यह भी कहा, 'हम दृढ़ता आग्रह करते हैं कि भारत अपनी गलतियों को सही करे और अपने उकसाने वाले कामों को समाप्त करे। कि़आन ने कहा कि जून के मध्य में, चीनी सेना ने एक सड़क के निर्माण की जिम्मेदारी ली थी। डोंगलंग चीन का क्षेत्र है और चीन का अपने क्षेत्र में सड़क निर्माण करना एक सामान्य घटना है। यह चीन की संप्रभुता का कार्य है और वैध है। उन्होंने आगे कहा कि भारत द्वारा चीन के क्षेत्र में घुसना परस्पर मान्यता प्राप्त अंतरराष्ट्रीय सीमा का एक गंभीर उल्लंघन है और यह अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ है। हम अपनी संप्रभुता की रक्षा किसी भी कीमत पर करेंगे।