मोसुल में शहनाइयां बजने की बाट जोहते बूढ़े हो रहे लोग

Thursday, May 17, 2018 - 11:04 PM (IST)

मोसुल : खुलुद सालों से इंतजार में बैठी हैं कि एक दिन उसका राजकुमार घोड़े पर बैठकर आएगा और उसे दुल्हन बनाकर ले जाएगा। लेकिन खुलुद को अपने जैसे ही सैंकड़ों युवक युवतियों की तरह यह डर भी सता रहा है कि शायद वे ताउम्र ही कुंवारे बैठे रह जाएं।

ना नौकरियां बची हैं और न ही लोगों के पास रोजगार
आईएस के कब्जे में रहने के कारण यह इलाका तबाह हो चुका है। ना नौकरियां बची हैं और न ही लोगों के पास रोजगार का कोई साधन लिहाजा उनकी जिंदगी पटरी से उतर गई है। युवक युवतियों की शादियां भी इसी के चलते नहीं हो पा रही हैं। स्नातक की डिग्री हासिल कर चुकी 24 वर्षीय खुलुद कहती हैं , ‘मुझे न तो योग्य लड़का मिला और न ही नौकरी। मेरी जिंदगी घरेलू कामों में जाया हो रही है।’ उसे लगता है कि वह अपने माता पिता के घर में कैद होकर रह गई है।

उसके चेहरे पर एक फीकी मुस्कान तैरती है और वह बताती है , ‘मेरी बड़ी बहन 37 साल की है और उसके पहले से ही चार बच्चे हैं मुझे तो अभी तक उम्मीद है कि शायद मेरा निकाह हो जाए लेकिन मेरी बड़ी बहन ने तो किस्मत से समझौता कर लिया है। वह 29 साल की हो चुकी है और शादी होना बहुत मुश्किल है।’ इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने साल 2014 के मध्य में मोसूल को स्वघोषित राजधानी बना दिया था।

इराक का दूसरा सबसे बड़ा शहर है मोसूल
इराक का दूसरा सबसे बड़ा शहर मोसूल अपनी रवायतों और रूढि़वादी विचारों के लिए जाना जाता है। इसी के चलते यहां 20 की उम्र तक पहुंचने से पहले ही लड़कियों के हाथ पीले कर दिए जाते थे। शहर पर फिर से सरकार का कब्जा हो चुका है लेकिन वह अभी भी नौ महीने तक चले संघर्ष से उबर नहीं पाया है। शहर को फिर से आबाद किया जा रहा है लेकिन 21,500 घर तबाह हो चुके हैं और इराकी प्रशासन का कहना है कि यह बेहद मुश्किल काम है।

घरों को फिर से बसाने की जद्दोजहद में युवक युवतियों के लिए निकाह का इंतजार दिन ब दिन लंबा होता जा रहा है। जो विवाह करने की हालत में हैं तो वे पेट भरने के बाद इतना पैसा नहीं बचा पा रहे हैं कि शादी करके घर बसा सकें। मुमीन अब्दुल्लाह भी निकाह करना चाहते हैं लेकिन वह कहते हैं , ‘मैंने अर्थशास्त्र में डिग्री ली है लेकिन इससे मुझे शादी करने में कोई मदद नहीं मिल रही है।’ टैक्सी चलाकर वह मुश्किल से अपना पेट भर रहे हैं और अभी भी माता पिता के घर में रहते हैं। 

ज्यादातर युवक कमाने वाली लड़की से शादी करना चाहते
बत्तीस साल के मनाफ खालिद कहते हैं कि एक युवती की शादी की संभावना उसकी नौकरी पर निर्भर करती है। ज्यादातर लड़के कमाने वाली लड़की से शादी करना चाहते हैं ताकि वह कमाए भी और घर का कामकाज भी संभाले। कुछ जोड़े शादी के लिए दान से काम चलाते हैं।

मोसूल में एक बड़े से कमरे में सैंकड़ों लोग एकत्र हुए हैं। इस एक कमरे में दस शादियां हो रही हैं और ये लोग इन्हीं में आए हुए हैं । सभी ने शादी का खर्चा मिल कर उठाया है। सत्ताइस साल के लुहार मोहम्मद समी भी दूल्हा बने हैं। उन्हें इस बात की खुशी है कि भले ही वह अपनी दुल्हन के लिए नया जोड़ा नहीं ला पाए और खुद भी सूट नहीं सिलवा पाए लेकिन कम से कम निकाह तो हो गया।

Punjab Kesari

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