दुनिया में कोरोना मृतकों की संख्या 30 लाख पार, ब्राजील के अस्पतालों में बांध कर रखे जा रहे मरीज

Saturday, Apr 17, 2021 - 04:45 PM (IST)

ब्रासिलिया: कोरोना का नया वेरियंट दुनिया में कई देशों पर फिर से अपना कहर बरपा रहा है। कई यूरोपीय देशों हालात बेहद खऱाब हैं। कोरोना वायरस के कारण पूरी दुनिया में मरने वालों की संख्या शनिवार को 30 लाख से अधिक हो गई। भारत, ब्राजील और फ्रांस जैसे देशों में कोरोना वायरस का संकट बढ़ता जा रहा है और पूरी दुनिया में टीकाकरण में बाधाएं आ रही हैं। ब्राजील में भी कोरोना बेकाबू हो गया है । यहां हर रोज  बढ़ रहे मामलों के आगे हैल्थ सिस्टम फेल साबित हो रहा है। यहां स्थिति इतनी बिगड़ चुकी है कि  डॉक्टरों के लिए  मरीजों को संभालना मुश्किल हो गया । अस्पतालों में दवाओं की कमी कारण स्थिति कंट्रोल से बाहर हो चुकी और कई अस्पतालों में मरीजों को बेड से बांधकर रखना पड़ रहा है। मीडिया  रिपोर्ट के मुताबिक मैडीसिन  बिना ही मरीजों को इंटुबैशन प्रक्रिया से गुजारना पड़ रहा है।

 

इंटुबैशन एक प्रक्रिया है, जिसमें मरीज जब खुद सांस लेने में परेशानी अनुभव करता है तो वेंटिलेटर द्वारा  उसको ऑक्सीजन पहुंचाई जाती है। ब्राजील के एक म्युनिसिपल अस्पताल के  डॉक्टर ने कहा कि दवाओं की भारी कमी हो गई है ।  साओ पाउलो के स्वास्थ्य सचिव ने यहां तक कह दिया है कि गंभीर कोरोना मरीजों को संभालने की शहर की क्षमता खत्म हो रही है। इस बीच स्वास्थ्य मंत्री मार्सेलो क्यूरोगा ने कहा कि सरकार आपातकालीन दवाओं को प्राप्त करने के लिए स्पेन और अन्य देशों से बातचीत कर रही है।  उन्होंने स्वीकार किया कि अस्पतालों के पास पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन भी नहीं है। 

 

इन हालात के बीच भी  राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो अपने पुराने रुख पर कायम हैं।  वो अभी भी कोरोना को गंभीर बीमारी मानने को तैयार नहीं हैं, जबकि वह खुद भी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं।  बोलसोनारो न केवल कड़े उपायों का विरोध कर रहे हैं, बल्कि वैक्सीन का भी मजाक उड़ा रहे हैं। कुछ समय पहले उन्होंने फाइजर की वैक्सीन का मजाक उड़ाते हुए उसे लगवाने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि अगर पुरुष ये वैक्सीन लगवाएंगे तो मगरमच्छ बन जाएंगे और महिलाओं के दाढ़ी उग जाएगी।

 

जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक  कोरोना वायरस के कारण पूरी दुनिया में मरने वालों की संख्या शनिवार को 30 लाख से अधिक हो गई और जितने लोगों की मौत हुई है वह कीव (यूक्रेन), काराकास (वेनेजुएला) या मेट्रोपोलिटन शहर लिस्बन (पुर्तगाल) की आबादी के बराबर है। यह संख्या शिकागो (27 लाख) से बड़ी और संयुक्त रूप से फिलाडेल्फिया एवं डलास के बराबर है। मृतकों का आंकड़ा इससे भी अधिक हो सकता है क्योंकि हो सकता है कि सरकारें आंकड़ों को छिपा रही हों या 2019 के शुरुआत में चीन के वुहान से शुरू हुए वायरस के कई मामलों को शुरुआती चरण में छिपाया गया हो।

 

पूरी दुनिया में संक्रमण की गति और इसे नियंत्रण में लाने के तरीके विभिन्न देशों में अलग-अलग हैं। पूरी दुनिया में मौत का औसत 12 हजार प्रतिदिन है और प्रतिदिन सात लाख से अधिक मामले सामने आ रहे हैं। अमेरिका में कोविड-19 से 5,60,000 मौतें हुई हैं और विश्व भर में हुई हर छह मौतों में से एक मौत अमेरिका में हुई है। अमेरिका के बाद ब्राजील, मैक्सिको, भारत और ब्रिटेन में मृतकों की संख्या सर्वाधिक है। अमेरिका ने इस महीने जॉनसन एंड जॉनसन के टीके के इस्तेमाल पर रोक की अनुशंसा की क्योंकि अधिकारियों ने इस कारण खून के थक्के बनने की जांच शुरू की थी और यूरोप के कुछ देशों ने भी टीके पर अस्थायी रोक लगाई। खून का थक्का जमने के कारण एस्ट्राजेनेका के टीके पर भी कुछ देशों ने पाबंदियां लगाईं।

Tanuja

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