Parramatta Light Rail: करोड़ों की लागत वाली परियोजना पर संकट के बादल

punjabkesari.in Tuesday, Sep 09, 2025 - 05:51 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: सिडनी के पश्चिमी क्षेत्र में शुरू की गई Parramatta Light Rail परियोजना, जो लगभग 3 अरब डॉलर (लगभग 20,000 करोड़ रुपये) की लागत से तैयार की गई थी, अब आलोचना और विवादों के घेरे में है। यह परियोजना जिन उम्मीदों के साथ शुरू की गई थी, वे अब लगातार सामने आ रही तकनीकी खराबियों, यात्री संख्या में गिरावट, और सुरक्षा चिंताओं के बीच दम तोड़ती नजर आ रही हैं।

परियोजना की शुरुआत और उद्देश्य
Parramatta Light Rail को पश्चिमी सिडनी के नागरिकों के लिए एक तेज़, सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल परिवहन प्रणाली के रूप में प्रस्तुत किया गया था। इसका उद्देश्य Parramatta CBD को आसपास के उपनगरों से जोड़ना था ताकि ट्रैफिक दबाव को कम किया जा सके और आवागमन को सुगम बनाया जा सके। लेकिन लॉन्च के एक साल के अंदर ही यह योजना खुद ही पटरी से उतरती दिखाई दे रही है।

ट्रैक और ट्राम की तकनीकी समस्याएं
विश्वसनीय सूत्रों और ड्राइवरों द्वारा सामने लाए गए तथ्यों के अनुसार, इस लाइट रेल नेटवर्क में पटरी और ट्राम के पहियों में गंभीर तकनीकी समस्याएं सामने आई हैं। वर्तमान में, 13 ट्रामों में से 3 ट्राम सेवा से बाहर हैं और मरम्मत के अधीन हैं। साथ ही, ट्रैक की खराब स्थिति के चलते कई स्थानों पर ट्राम को धीमी गति से चलाना पड़ रहा है, जिससे यात्रियों को देरी और असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।

एक व्हिसलब्लोअर ड्राइवर ने बताया कि, "हमारे ट्राम बार-बार झटके खाते हैं, और कई बार ऐसा लगता है कि ट्रैक पर कुछ गड़बड़ है। यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए हमें स्पीड कम करनी पड़ती है। ये कोई छोटी मोटी दिक्कत नहीं, बल्कि गहरी तकनीकी विफलता है।"

यात्रियों का भरोसा टूटता जा रहा है
लाइट रेल में बार-बार हो रही समस्याओं ने यात्रियों का भरोसा डगमगाया है। जहाँ शुरुआत में बड़ी संख्या में लोग इस सेवा का उपयोग कर रहे थे, वहीं अब यात्री संख्या में गिरावट दर्ज की जा रही है। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जताते हुए लिखा कि ट्राम अक्सर देरी से चलती हैं, रद्द कर दी जाती हैं या तकनीकी खराबी के कारण बीच रास्ते में रोक दी जाती हैं। Parramatta के एक निवासी ने कहा, "हमने सोचा था कि ये सेवा हमारी जिंदगी आसान बनाएगी, लेकिन अब यह हमारी दिनचर्या में रुकावट बन गई है।"

सरकार और विभाग पर विपक्ष का प्रहार
इस परियोजना की स्थिति को देखते हुए विपक्षी नेताओं ने सरकार पर सीधा हमला बोला है। उनका कहना है कि जनता के पैसे की बर्बादी हुई है और सरकार ने बिना पूरी जांच के ही इस सेवा को चालू कर दिया। एक विपक्षी सांसद ने कहा, "यह एक और उदाहरण है कि कैसे सरकार बड़ी-बड़ी घोषणाएं करती है लेकिन जमीन पर उनका क्रियान्वयन विफल रहता है।"

हालाँकि, परिवहन विभाग का कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा उनकी प्राथमिकता है और तकनीकी समस्याओं के समाधान के लिए विशेषज्ञों की टीम कार्यरत है। विभाग ने आश्वासन दिया है कि ट्रैक और ट्राम दोनों की नियमित निगरानी और मरम्मत की जा रही है।


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Content Editor

Shubham Anand

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