चीन की पढ़ाई नहीं आई काम, पाकिस्तान में जूस बेच रहा इंजीनियर, कहा- फेंक दूंगा डिग्री

Wednesday, Jun 16, 2021 - 02:34 PM (IST)

पेशावरः  विदेशों से पढ़कर लौटे युवाओं को उम्मीद होती है कि अब उनका करियर सही ट्रैक पर आगे बढ़ेगा। लेकिन चीन से स्टडी करने वाले युवाओं के साथ बिल्कुल विपरीत हो रहा है। कंगाली के दौर से गुजर रहे पाक में सरकार की गलत नीतियों के चलते  सैंकड़ों  उच्चशिक्षित  युवा मामूली धंधा करके अपना व परिवार का पेट पाल रहे हैं। इसकी एक मिसाल है इंजीनियर युवक जो चीन से डिग्री लेने के बाद अब जूस बेचने को मजबूर है।  पाकिस्तान के इस इंजीनियर युवक अब्दुल मलिक  ने अपना करियर बनाने के लिए जीतोड़ मेहनत की, विदेश में पढ़ाई की और ढेर सारे सपने लेकर अपने देश लौटा लेकिन इकॉनमी के नाम पर डांवाडोल हो रहे पाकिस्तान में उन्हें इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बावजूद  तरबूज का जूस बेचकर पेट पालना पड़ रहा है।

अब्दुल मलिक अब इतने ज्यादा झल्ला चुके हैं कि उनका कहना है कि जो डिग्री किसी काम की नहीं है, वे उसे फाड़कर फेंक देंगे। कराची के रहने वाले अब्दुल मलिक ने अपनी स्कूलिंग  संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से  की और एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में बैचलर की डिग्री के लिए चीन गए और वहां अपनी पढ़ाई पूरी की। इसके बाद एक   सुनहरी भविष्य का सपना लेकर वे अपने वतन पाकिस्तान लौटे। शुरुआत में  उन्हें पाकिस्तान एयरोनॉटिकल कॉम्प्लेक्स कामरा में इंटर्नशिप करने का भी मौका भी मिला और उन्होंने पेशावर फ्लाइंग क्लब में एक ट्रेनी इंजीनियर के रूप में नौकरी की।

उन्होंने एक निजी कंपनी में सहायक रैंप अधिकारी के तौर पर भी कुछ साल काम किया लेकिन अपनी पढ़ाई के मुताबिक पद और वेतन न मिलने से वे निराश हुए।पाकिस्तानी टीवी जैनल जियो न्यूज से बात करते हुए अब्दुल मलिक ने बताया कि उन्होंने देश के लगभग सभी हवाई अड्डों पर एप्लाई किया लेकिन कहीं से भी उन्हें सकारात्मक जवाब नहीं मिला । मलिक  इंजीनियरिंग में डिग्री के अलावा 5 भाषाओंउर्दू, इंग्लिश, चीनी, पश्तो और अरबी बोल और लिख लेते हैंष  वे साफ तौर पर कहते हैं कि उनकी नाकामी की वजह ये रही कि पाकिस्तान में उनकी सिफारिश करने वाला कोई नहीं था।

अब्दुल मलिक नौकरी छूटने के 6 महीने बाद तक बेरोजगार रहे और आखिर  उन्होंने तरबूज का जूस बेचने का फैसला किया क्योंकि उनके पास परिवार का पेट पालने के लिए इसके अलावा कोई चारा नहीं था।  वे कहते हैं कि जूस बेचने के बाद उन्हें लोगों से अच्छा रेस्पॉन्स मिला।  ऐसे में वे कहते हैं कि उन्हें लग रहा है कि अबह उनका करियर और भविष्य पूरी तरह खत्म हो चुका है। नाकामयाबी से झल्लाए मलिक कहते हैं कि वे अपनी डिग्रियां और सर्टिफिकेट फेंक देंगे क्योंकि इस सिस्टम में उनका कोई मतलब नहीं रह गया है।

 

Tanuja

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