यासीन मलिक की सजा सुन पाकिस्तान को लगा सदमा, शहबाज शरीफ ने कहा- भारतीय लोकतंत्र के लिए काला दिवस

Wednesday, May 25, 2022 - 10:30 PM (IST)

इस्लामाबादः पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार को अलगाववादी संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक को मिली उम्रकैद की सज़ा की निंदा करते हुए कहा कि ‘आज भारतीय लोकतंत्र के लिये काला दिवस' है। भारतीय वायु सेना के चार जवानों की हत्या और आतंकवादियों को धन मुहैया कराने के जुर्म में दिल्ली की एक अदालत ने मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई है। 

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने इसकी निंदा करते हुए कहा, ‘‘आज भारत के लोकतंत्र और उसकी न्याय व्यवस्था के लिए काला दिवस है। भारत यासीन मलिक के शरीर को कैद कर सकता है लेकिन उन आज़ादी के विचारों को कभी कैद नहीं कर सकता जिनका वह प्रतिनिधित्व करते हैं। एक बहादुर स्वतंत्रता सेनानी को उम्रकैद की सज़ा कश्मीरियों के आत्मनिर्णय के अधिकार को नई ऊर्जा देगा।'' 

पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने भी इस सजा की निंदा की। जरदारी ने कहा, ‘‘हुरिर्यत नेता यासीन मलिक को एक शर्मनाक सुनवाई में मिली अन्यायपूर्ण सज़ा की निंदा करता हूं। भारत कभी भी कश्मीरियों की आजादी और आत्मनिर्णय की मांग को नहीं दबा सकता। पाकिस्तान अपने कश्मीरी भाई-बहनों के साथ खड़ा है, और उनके इस संघर्ष में हर तरह की मदद प्रदान करेगा।'' 

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इस फैसले को ‘दुखद कृत्य' बताते हुए अंतरराष्ट्रीय और मानवाधिकार संगठनों से आवाज़ उठाने की मांग की। नवाज शरीफ ने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चेयरमैन यासीन मलिक के खिलाफ अवैध कारर्वाई दुखद है। इस तरह की कारर्वाई कश्मीरियों को उनके अधिकारों से वंचित नहीं कर सकती। सभी अंतरराष्ट्रीय और मानवाधिकार संगठनों को आवाज उठानी चाहिए।'' 

पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने ट्विटर का रुख करते हुए कहा, ‘‘पाकिस्तान यासीन मलिक को मिली उम्रकैद की सजा की निंदा करता है। इस तरह की दमनकारी रणनीति अवैध भारतीय कब्जे के खिलाफ उनके न्यायसंगत संघर्ष में कश्मीर के लोगों की भावना को कम नहीं कर सकती है। हम यूएन संकल्पों के तहत उनके आत्मनिर्णय के संघर्ष में कश्मीरियों के साथ खड़े हैं।'' 

गौरतलब है कि मलिक और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 16 (आतंकवादी कारर्वाई), धारा 17 (आतंकवादी कारर्वाई के लिए धन जुटाना), धारा 18 (आतंकवादी कारर्वाई करने की साजिश), धारा 20 (आतंकवादी गिरोह या संगठन का सदस्य होना) धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और धारा 124-ए (देशद्रोह) के तहत मामला दर्ज किया गया था। बुधवार को नई दिल्ली में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की अदालत ने मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई और उसपर 10 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया। 

Pardeep

Advertising