FATF की शर्तों को पूरा करने में नाकाम रहा पाकिस्तान, ग्रे लिस्ट में बरकरार रहेगा नाम

Saturday, Jun 18, 2022 - 12:19 PM (IST)

इस्लामाबाद: फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने जून 2022 की बैठक में भी पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बरकरार रखा है। FATF ने कहा कि पाकिस्तान ने टेरर फाइनेंसिंग और मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर शर्तों को पूरा नहीं किया है। अब FATF की एक टीम पाकिस्तान की यात्रा कर ऑनसाइट शर्तों को पूरा करने के दावों का परीक्षण करेगी। उसके बाद ही पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर निकालने का फैसला किया जाएगा। पाकिस्‍तान को जून 2018 में ग्रे लिस्‍ट में डाला गया था। हालांकि, पाकिस्तानी सरकार को इस बाद ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने की पूरी उम्मीद थी।  FATF पूरी दुनिया में मनी लॉन्ड्रिंग, सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार और टेरर फाइनेंसिंग पर निगाह रखती है।

 

पाकिस्तान को जून 2018 में ग्रे सूची में डाला था। अक्टूबर 2018, 2019, 2020, अप्रैल 2021, अक्टूबर 2021 और मार्च 2022 में हुए रिव्यू में भी पाक को राहत नहीं मिली थी। पाकिस्तान एफएटीएफ की सिफारिशों पर काम करने में विफल रहा है। इस दौरान पाकिस्तान में आतंकी संगठनों को विदेशों से और घरेलू स्तर पर आर्थिक मदद मिली है। एफएटीएफ की ब्लैक लिस्ट में ईरान और उत्तर कोरिया शामिल हैं। जिस कारण से इन दोनों देशों को बाहर से निवेश पाने और अंतरराष्ट्रीय व्यापार करने में काफी परेशानी होती है।

 

FATF के अनुसार, इस बार की बैठक में वैश्विक नेटवर्क और पर्यवेक्षक संगठनों के 206 प्रतिनिधि शामिल हुए। इनमें अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, संयुक्त राष्ट्र, विश्व बैंक और वित्तीय खुफिया इकाइयों के एग्मोंट समूह भी मौजूद थे। इस बैठक की अध्यक्षता जर्मनी के डॉ मार्कस प्लीयर ने की। चार दिनों की बैठकों के दौरान शामिल प्रतिनिधियों ने कई मुद्दों पर बात की, जिनमें रियल एस्टेट क्षेत्र के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के लिए एक रिपोर्ट भी शामिल थी।

 

जानें  क्या है FATF?

  • वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) एक अंतर-सरकारी निकाय है, जिसे फ्रांस की राजधानी पेरिस में जी7 समूह के देशों द्वारा 1989 में स्थापित किया गया था।
  • इसका काम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग), सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार और आतंकवाद के वित्तपोषण पर निगाह रखना है।
  • इसके अलावा FATF वित्त विषय पर कानूनी, विनियामक और परिचालन उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन को बढ़ावा भी देता है।
  • FATF का निर्णय लेने वाला निकाय को एफएटीएफ प्लेनरी कहा जाता है। इसकी बैठक एक साल में तीन बार आयोजित की जाती है।

Tanuja

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