एशिया पैसिफिक ग्रुप की मांग,आतंकवाद का वित्तपोषण रोकने के लिये उचित कानून लाए पाक

Thursday, Aug 16, 2018 - 02:22 PM (IST)

पेशावरः वैश्विक वित्तीय निगरानी संस्था एफएटीएफ के लिये काम करने वाले और पाकिस्तान की प्रतिबद्धताओं पर नजर रखने वाले एक अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान से अनुरोध किया है कि वह आतंकवाद का वित्तपोषण बंद करे तथा धनशोधन के अपराधों को अंजाम देने वालों का प्रत्यर्पण करे। एक मीडिया रिपोर्ट में आज यह जानकारी दी गयी। एशिया पैसिफिक ग्रुप (एपीजी) ऑन मनी लॉन्ड्रिंग फिलहाल पाकिस्तान में है और वह पेरिस-स्थित फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) को एक रिपोर्ट पेश करेगी। 

एफएटीएफ ने जून में पाकिस्तान को अपनी विशिष्ट ‘ग्रे सूची’ में शामिल किया था। एपीजी की यह म्युचुअल मूल्यांकन रिपोर्ट अगले साल सितंबर के बाद पाकिस्तान को इस सूची में बनाये रखने या हटाने में अहम भूमिका निभा सकती है। अगले साल सितंबर के अंत तक पाकिस्तान को निश्चित रूप से इसका अनुपालन करना होगा और ग्रे सूची या काली सूची में खुद को शामिल होने से बचाने के लिये उसे एफएटीएफ को जून में आतंकवाद के वित्तपोषण एवं धनशोधन से मुकाबले को लेकर किये गये उन 10 सूत्री कार्ययोजना के प्रति अपनी प्रतिबद्धता भी दर्शानी होगी।     ग्रे सूची में किसी देश को शामिल किये जाने से उसकी अर्थव्यवस्था को तो नुकसान पहुंचता ही है साथ ही उसकी अंतरराष्ट्रीय साख पर भी असर पड़ता है।

‘एक्प्रेस ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के अनुसार प्रतिनिधिमंडल ने कल पाकिस्तान से अनुरोध किया कि वह उचित कानून लागू करे और स्थानीय अधिकारियों को यह अधिकार दे कि वे अवैध संपत्ति को जब्त कर सकें तथा आतंकवाद के वित्तपोषण एवं धनशोधन में संलिप्त लोगों के प्रत्यपर्ण के लिए दूसरे देशों के अनुरोधों पर कार्रवाई कर सकें। प्रतिनिधिमंडल ने स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के फाइनेंशियल मॉनिटरिंग यूनिट (एफएमयू), सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन ऑफ पाकिस्तान (एसईसीपी), नेशनल काउंटर टेररिज्म अथॉरिटी (नाक्टा), फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एफआईए) के अधिकारियों और विदेश एवं गृह मामलों के मंत्रालयों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। उसने देश से अनुरोध किया कि वह आतंकवाद का वित्तपोषण बंद करे एवं धन शोधन करने वाले अपराधियों का प्रत्यर्पण सुनिश्चित करे।      


 

Isha

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